कैप्टन का अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर को जवाब, कहा-‘जश्न मनाने बंद करो'

Edited By Vatika,Updated: 12 Apr, 2021 10:59 AM

captain s reply to akali dal president sukhbir

पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने कोटकपूरा गोली कांड मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सुखबीर बादल को

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने कोटकपूरा गोली कांड मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सुखबीर बादल को जश्न न मनाने के लिए कहा है, क्योंकि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। अभी अदालत ने हुक्मों की कॉपी भी जारी नहीं की है। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष को सलाह दी कि जीत के दावे करने से पहले कम से कम हुक्मों की कॉपी का इंतजार कर लें। कै. अमरेंद्र ने पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) द्वारा साल 2015 की घटना की जांच संबंधी हाईकोर्ट के फैसले संबंधी मीडिया रिपोर्टों पर सुखबीर की प्रतिक्रिया का जवाब दिया। 

उन्होंने कहा कि वास्तव में अभी तक अदालत के फैसले का आधिकारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं हुआ है। इस मामले में फैसला जो भी हो, वह एस.आई.टी. की जांच के साथ खड़े हैं, जिसमें किसी भी दृष्टि से बादल परिवार को इस घिनौनी घटना, जिसमें मासूम लोगों की जान चली गई थी, में शामिल होने के आरोप से मुक्त नहीं किया गया। उन्होंने इस घृणित काम के लिए दोषी कोई भी हो, सजा दिलवाने और पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलवाने का प्रण भी लिया। एस.आई.टी. ने अब तक कोटकपूरा मामले में कोटकपूरा के समकालीन अकाली विधायक  मनतार सिंह बराड़ समेत 6 व्यक्तियों के खिलाफ दोष पत्र दर्ज कर दिए हैं। मनतार के खिलाफ दायर चार्जशीट में लिखा है कि कॉल डिटेल को जांचने पर यह साफ जाहिर हो जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को विशेष प्रमुख सचिव और मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. गुरचरन सिंह द्वारा फोन कॉल की गई थी। सुखबीर द्वारा बदलाखोरी का कोलाहल डाल कर उस शिकंजे में से निकलने की कोशिश की जा रही है जिसमें वह बराड़ के खिलाफ दायर चार्जशीट में खुद को फंसा पा रहा है।

 

‘बादल परिवार ने जांच में रुकावट की कोई कसर नहीं छोड़ी’
मुख्यमंत्री ने बताया कि बादल परिवार ने 4 सालों दौरान जांच में रुकावट खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पहली दफा सी.बी.आई. को मामले की जांच सौंपने के लिए बादल परिवार जिम्मेदार रहा है। केंद्र में सत्ताधारी गठजोड़ का हिस्सा होने पर अकाली दल ने जांच को किसी नतीजे पर पहुंचने से रोकने के लिए सभी पैंतरे अपनाए, जिन्होंने राज्य की मौजूदा सरकार द्वारा जांच पूरी करने के लिए केंद्रीय एजैंसी केस वापस लेकर एस.आई.टी. को सौंपे जाने की कार्रवाई में विघ्न डालने के लिए भी दबाव बनाया। मुख्यमंत्री ने तर्कहीन और बेबुनियाद आरोपों से मुद्दे को राजनीतिक रंगत देने की कोशिश करने पर आम आदमी पार्टी (आप) को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सुखबीर की तरह संसद मैंबर भगवंत मान भी हाईकोर्ट की समझ को जाने बगैर बोल रहा है। इस मुद्दे पर अकाली दल और कांग्रेस में मिलीभगत होने संबंधी मान द्वारा लगाए गए दोष न सिर्फ हास्यास्पद हैं, बल्कि कोई तर्क नहीं।  मनतार बराड़ के अलावा कोटकपूरा मामले में चार्जशीट किए गए अन्यों में कई सीनियर पुलिस अधिकारी जिनमें समकालीन सी.पी. लुधियाना परमराज सिंह उमरानंगल, समकालीन एस.एस.पी. मोगा, चरनजीत सिंह शर्मा, पुलिस थाना सिटी कोटकपूरा के समकालीन एस.एच.ओ. गुरदीप सिंह, कोटकपूरा के समकालीन डी.एस.पी. बलजीत सिंह और समकालीन ए.डी.सी.पी. लुधियाना परमजीत सिंह पन्नू शामिल हैं। 

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