Edited By Mohit,Updated: 18 Jan, 2021 05:27 PM
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे संघर्ष के दौरान कई किसान नेताओं और उनके समर्थकों को जांच एजेंसी......
चंडीगढ़ः कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे संघर्ष के दौरान कई किसान नेताओं और उनके समर्थकों को जांच एजेंसी (एन.आई.ए.) के नोटिस जारी करने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि डराने-धमकाने वाले ऐसे हथकंडे किसानों को अपने हकों और भविष्य की लड़ाई लड़ने के मकसद को कमजोर नहीं कर सकते। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा शांतिमयी संघर्ष कर रहे किसानों को कमजोर करने के लिए ऐसी कार्रवाइयों का सहारा लेने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या यह किसान आतंकवादी हैं? उन्होंने केंद्र को सावधान करते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाई किसान को कमजोर करने की बजाय उनको और मजबूत करेंगे।
उन्होंने भारत सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी डरावनी कार्रवाइयों के जरिए वह किसानों के संघर्ष को जबाने पर तुली हुई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्थिति हाथों से बाहर निकल गई तो इस पर काबू पाने के लिए भाजपा के सबसे शक्तिशाली नेता भी कुछ नहीं कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरनाक कृषि कानूनों के कारण पैदा हुए संकट को हल करने की बजाय भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों और उनके समर्थकों को सताने और परेशान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि भाजपा की अगुवाई वाली एन.डी.ए. सरकार को ना तो किसानों की चिंता है और ना ही उनकी मानसिकता की समझ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए जाने वाले सख्त कदमों से पंजाब के किसान इसकी नकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।