आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, करोड़ो की टैक्स चोरी को पकड़ा

Edited By Sunita sarangal,Updated: 27 Oct, 2021 09:41 AM

big action of income tax department  the screws the businessmen

आयकर विभाग ने पंजाब स्थित में दो अलग-अलग कार्रवाई पर दबिश देकर करोड़ो की कर चोरी को पकड़ा। इस कड़ी में विभाग ने महानगर के बड़े साइकिल कारोबारियों पर 21, अक्टूबर को कार्रवाई की जो लगभग 3 दिन के तक चली। जिसमें विभाग की चपेट में आए सेठ इंडस्ट्रियल...

लुधियाना / जालंधर (सेठी): आयकर विभाग ने पंजाब स्थित में दो अलग-अलग कार्रवाई पर दबिश देकर करोड़ो की कर चोरी को पकड़ा। इस कड़ी में विभाग ने महानगर के बड़े साइकिल कारोबारियों पर 21, अक्टूबर को कार्रवाई की जो लगभग 3 दिन के तक चली। जिसमें विभाग की चपेट में आए सेठ इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन, नीलम साइकिल, गुरदीप साइकिल, राका साइकिल, विल पावर, अर्पण साइकिल, गति साइकिल पर कार्रवाई की गई। मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस द्वारा जारी बयान के अनुसार कुछ साइकिल कारोबारी अपने ही ग्रुप की अन्य संस्थाओं के भीतर फर्जी लेनदेन दिखाकर ग्रुप की आय का दमन करने में शामिल पाया गए है। यह भी पाया गया कि यह कारोबारी बिक्री का एक बड़ा हिस्सा नकद में प्राप्त करते है व इसके साथ टर्नओवर को भी दबाते है, ताकि कम से कम टैक्स का भुगतान करना पड़े। 

विभागीय अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि एक ग्रुप द्वारा सालाना लगभग 90 करोड़ की टर्नओवर के कारोबार को छुपाया गया है। इसके साथ स्क्रैप की अघोषित बिक्री से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं और साथ ही कार्रवाई में ग्रुप के सदस्यों द्वारा अचल संपत्तियों में अघोषित निवेश का भी पता चला है। दबिश के दौरान 150 करोड़ की अनअकाउंटेड आय का पता चला है। वहीं तलाशी के दौरान 2.25 करोड़ अनअकाउंटेड नकदी और 2 करोड़ का गोल्ड भी जब्त किया गया। 

वहीं दूसरे मामले में जालंधर में स्थित एक ग्रुप (साई ओवरसीज) जो इमीग्रेशन व स्टडी वीजा के व्यवसाय में शामिल है, उसपर भी विभाग द्वारा 18 अक्टूबर को कार्रवाई की गई। सर्च कार्रवाई से पता चला है कि यह ग्रुप एक पैकेज चार्ज करता था, जिसकी रेंज 10 लाख से 15 लाख रुपये प्रति छात्र के बीच होती व उस देश पर निर्भर करता, जहां छात्र पढ़ाई करना चाहता है। पिछले 5 वर्षों में ग्रुप की लगभग प्राप्त पर्चियों के अनुसार पता चला है, कि कुल मिलाकर 200 करोड़ रुपये से अधिक कैश प्राप्त कर चुका हैं। यह भी पाया गया है कि कर्मचारियों के बैंक खातों का उपयोग धन प्राप्त करने के लिए किया गया है, जिसे बाद में कैश वापस ले लिया जाता था। पर्चियों से अर्जित लाभ का कभी भी दाखिल आयकर रिटर्न में खुलासा नहीं किया गया। ग्रुप के सदस्यों द्वारा केवल विदेशी यूनिवर्सिटी से प्राप्त कमीशन को आयकर रिटर्न में दिखाया गया है। तलाशी अभियान में करीब 40 करोड़ की अनअकाउंटेड आय का पता चला। इसके साथ ही कार्रवाई के दौरान 20 लाख रुपए की नकदी व  33 लाख रुपए के जेवरात जब्त किए गए। आपको बता दें कि दोनों मामलों में आगे की जांच अभी जारी है। विभाग ज़ब्त नकदी व ज्वेलरी का ब्यौरा मांगेगा तथा बरामद दस्तावेजों की गहनता से जांच करेगा।  

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