Edited By Suraj Thakur,Updated: 01 Jan, 2020 04:29 PM
हमले में शहीद हुए थे 7 जवान, आतंकियों को ढ़ेर करने के लिए 3 दिन चला था ऑपरेशन।
जालंधर। पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले को आज पूरे 4 साल बीत चुके हैं, फिर भर यह आतंकियों के निशाने पर ही है। एयरबेस पर फिर से फिदायीन हमले के इनपुट बीते सितंबर माह से ही मिल रहे हैं। बीते मंगलवार को भी इनपुट मिलने के बाद आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी है। 2016 में 1-2 जनवरी की रात पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था। तीन दिन लगातार ऑपरेशन चलाए जाने के बाद सैना ने परिसर में छिपे आतंकियों को ढ़ेर कर दिया था। ऑपरेशन के दौरान 2 जनवरी 2016 सुबह तक 6 आतंकी मारे जा चुके थे। 7 जवान शहीद जबकि 20 घायल हुए थे।
हमले की जांच में पाई गई थीं खामियां
हमले की जांच के बाद 2017 में यह खुलासा हुआ था कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट होने के बावजूद एयरबेस की सुरक्षा के लिए कोई एक्शन प्लान नहीं बनाया गया था। पठानकोट एयरबेस के कमांडर एयर कमाडोर जे एस धमून को IAF की जांच में कई सुरक्षा चूकों के लिए सेना छोड़नी पड़ी थी। मई-जून 2017 में आंतरिक जांच रिपोर्ट में उन्हें और अन्य को एयरबेस पर सुरक्षा खामियों के लिए जिम्मेदार माना गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद एयरबेस की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाने लगे।
जांच के बाद हाईटैक सुरक्षा सिस्टम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पठानकोट एयरबेस में इंटीग्रेटेड परिमिटर सिक्यॉरिटी सिस्टम (IPSS)सिस्टम इंस्टाल किया जा रहा है। यह जल्द ही पूरा होने वाला है। यह एक कम्प्रिहेंसिव मल्टी-सेंसर, मल्टी लेयर्ड, हाइ-टेक सर्विलांस और इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली) है। वायुसेना ने 'सेंसिटिव और हाई-रिस्क' वाले अपने 23 एयरबेस पर IPSS इंस्टॉल करने की योजना बनाई है। सुरक्षा की दृष्टि से एयरबेस भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आतंकी हमले के बाद सैना और पुलिस बल एजेंसियों के इनपुट पर आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर देते हैं। कारगिल युद्ध के दौरान इसी एयरफोर्स बेस ने पाकिस्तान की सैना को धूल चटा दी थी। अब वायुसेना ने यहां पर अपाचे जैसे घातक हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
71 के युद्ध में एयरबेस पर 53 बार हमला
पठानकोट एयरबेस हमेशा पाकिस्तान को अखरता रहा है। 1971 की जंग में पाकिस्तान ने इसपर 53 बार हमला किया था। युद्ध के दौरान 3 दिसंबर की शाम पाकिस्तान के 6 लड़ाकू विमानों ने पठानकोट एयरबेस पर भारी बमबारी की थी। इससे पहले 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान भी इस एयरबेस बम गिराए थे। 6 सितंबर 1965 की शाम भी पाक ने हमला करते एयरबेस के हैंगर में खड़े दो लड़ाकू विमानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस एयरबेस से पाकिस्तान के साथ-साथ चीन सीमा की निगरानी भी संभव है।