Edited By Subhash Kapoor,Updated: 02 Feb, 2022 03:34 PM

पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट न मिलने से नाराज होकर लगभग सभी पार्टियों के नेताओं द्वारा दूसरी पार्टियों में शामिल होने के अलावा आजाद लड़ने का फैसला किया गया है। इनमें कई मौजूदा विधायक भी शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से नवांशहर के...
लुधियाना (हितेश) : पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट न मिलने से नाराज होकर लगभग सभी पार्टियों के नेताओं द्वारा दूसरी पार्टियों में शामिल होने के अलावा आजाद लड़ने का फैसला किया गया है। इनमें कई मौजूदा विधायक भी शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से नवांशहर के विधायक अंगद सिंह की चर्चा हो रही है।
हालांकि अंगद की टिकट काटने के लिए रायबरेली से कांग्रेस विधायक उसकी पत्नी अदिति सिंह द्वारा भाजपा में शामिल होने को वजह बताया जा रहा है लेकिन अंगद ने भाजपा या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की बजाय आजाद चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
अगर नवांशहर सीट पर कांग्रेस में हुई बगावत के इतिहास पर नजर डालें तो उसका रिकार्ड अंगद के परिवार के नाम ही है क्योंकि पिछले 50 साल में हुए 10 चुनावों के दौरान सिर्फ दो बार अकाली दल को जीत हासिल हुई है जबकि 4 बार दिलबाग सिंह के अलावा अंगद के माता-पिता भी विधायक रहे हैं, जिसमें से दो बार दिलबाग सिंह व चरणजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट न मिलने पर आजाद लड़ कर चुनाव जीता था।
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