Edited By Tania pathak,Updated: 31 Jul, 2020 02:15 PM
एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार लॉकडाउन खुलने के 45 दिन में कोरोना से 179 लोगों की मौत हुई जबकि इसके साइड इफेक्ट यानी आर्थिक तंगी और पारिवारिक कलह से 253 लोगों ने जान दे दी....
पंजाब: कोरोना संकट ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया हुआ है। सभी इसकी चपेट में आने के खतरे से परेशान है, वही इसके चलते लगाए गए लॉकडाउन ने भी लोगों की चिंता बढ़ाई हुई है। इस कारण लोगों का तनाव में आना एक आम बात बन चुका है बीते कई दिनों से तनाव के कारण पंजाब में आत्महत्या के कई मामले सामने आ रहे है। एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार अनलॉक चरण के बाद आत्महत्या के मामलों में और तेजी आई है। ख़ुदकुशी के ज्यादातर कारण लॉकडाउन में रोजगार का चले जाना, प्रेम-प्रसंग और पढ़ाई का तनाव मुख्य कारण है।
अनलॉक चरण में आत्महत्या के आंकड़े
एक मीडिया रिपोर्ट अनुसार लॉकडाउन खुलने के 45 दिन में कोरोना से 179 लोगों की मौत हुई जबकि इसके साइड इफेक्ट यानी आर्थिक तंगी और पारिवारिक कलह से 253 लोगों ने जान दे दी। इनमें 193 पुरुष और 60 महिलाएं हैं। राज्य में 45 दिन से औसतन हर दिन 6 लोग सुसाइड कर रहे हैं। सुसाइड करने वाले 70% 17 से 30 साल के है, जबकि 35 से लेकर 50 साल के 25% लोग हैं। इनमें से 25 फीसदी ने प्रेम प्रसंग के चलते और 5% ने डिप्रेशन में आकर खुदकुशी की है।
लॉकडाउन में भी डराने वाले आंकड़े आए सामने
लॉकडाउन और इसके खोलने के बाद जून तक चंडीगढ़ में आत्महत्या करने वाले 15 पुरुषों, नौ महिलाओं, एक पुरुष युवाओं और तीन लड़कियों सहित 28 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सभी पीड़ित 45 वर्ष से कम उम्र के थे। आत्महत्या में पहले स्थान पर रहने वाले लुधियाना शहर की पुलिस ने जून में खुलासा किया था कि लॉकडाउन के दौरान शहर में आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है इस अवधि में घरेलू हिंसा की 1,500 शिकायतें दर्ज की गई हैं। पुलिस ने आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि को अवसाद, बेरोजगारी और वित्तीय मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।