Edited By Suraj Thakur,Updated: 05 Mar, 2019 03:20 PM
पछले पांच दिनों से अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
चंडीगढ़। पछले पांच दिनों से अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब हरियाणा-हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। किसान यूनियन के प्रधान और यूनियन के अन्य नेताओं को हाईकोर्ट ने कल कोर्ट में पेश होने के दिए निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा सरकार को प्रदर्शनकारियों को धरने के लिए निर्धारित जगह पर शिफ्ट करने के भी दिए निर्देश जारी किए गए हैं।
अमृतसर-दिल्ली कर रखा है जाम...
कर्ज माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर हजारों किसानों, मजदूरों व महिलाओं ने जेल भरो आंदोलन के पांचवें दिन पंजाब सरकार की किसानों प्रति बेरुखी को देखते हुए मुख्य रेल मार्ग अमृतसर-दिल्ली जाम कर रखा। किसानों के प्रदर्शन पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर पंजाब के AG ने मंगलवार को जानकारी दी कि किसानों के रेलवे ट्रैक को जाम करने से 85 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। एजी ने यह भी बताया कि करीब 3 हजार किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, और सरकार यूनियन के नेताओं से बातचीत करने की कोशिश कर रही है।
ये हैं मांगें...
-किसानों व मजदूरों की कुर्कियां व गिरफ्तारियां बंद की जाएं।
-किसानों से बैंकों और आढ़तियों द्वारा लिए गए गैर कानूनी खाली चैक तुरंत वापस किए जाएं।
-गन्ने का पिछला बकाया 15 प्रतिशत ब्याज सहित तुरंत दिया जाए।
-गन्ने का रेट 340 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए।
-आरोपी विधायक कुलबीर सिंह जीरा, इन्द्रजीत सिंह जीरा और उसके गैंग पर धारा 306 में विस्तार कर 295-ए, 201, 307 धारा अधीन तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
-घरेलू बिजली दर 1 रुपए यूनिट की जाए।
-मजदूरों के बिजली बिल बकाए तुरंत खत्म किए जाने पर 200 यूनिट प्रतिमाह माफ की जाए।
-घरेलू खपतकारों के प्रीपेड मीटर लगवाने की पहल रद्द की जाए।
-आंदोलनों दौरान रेलवे और पंजाब पुलिस द्वारा डाले केस तुरंत रद्द किए जाएं।
-धान की फसल लगाने की 1 जून से सभी पंजाब में प्रवानगी दी जाए।