Drugs छोड़ने के बाद डांसर बोली, "सहेली ने एक डोज के लिए बेच दी थी अपनी 5 माह की बेटी"

Edited By Suraj Thakur,Updated: 09 May, 2020 03:00 PM

female sold her 5 month old daughter for a drugs

नशे की गर्त में डूबने की सभी की कहानी दर्द-भरी भी है और दिल को दहला देने वाली भी है।

जालंधर। कोरोना संकट में जब पंजाब में नशे की चेन टूटी तो एक ही माह में 60 हजार से ज्यादा युवक नशे की छटपटाहट में जिंदगी बचाने के लिए सरकारी नशामुक्ति केंद्रों में पहुंच गए। नशे की गर्त में डूबने की सभी की कहानी दर्द-भरी भी है और दिल को दहला देने वाली भी है। ऐसी ही कहानी है गुरदासपुर की एक डांसर की जो दो साल तक नशे में मदहोश होकर दीन-दुनिया से हजारों कोस दूर हो गई थी, लेकिन कोरोना संकट में जब उसे नशा मिलना बंद हुआ तो उसकी तकदीर उसे रैडक्रास के नशामुक्ति केंद्र में ले आई। वह अब अपने वास्तविक जीवन में लौट आई है। इस युवती ने एक दिल को दहला देने वाला खुलासा किया कि कैसे उसकी सहेली ने अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए अपनी पांच साल की बच्ची को महज पांच हजार रुपए में बेच डाला।

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नशे की लत में 2 साल में फूक दिए पांच लाख
मीडिया को दिए एक बयान में इस युवती ने बताया कि वह दो साल से नशे की खतरनाक जद में थी। करीब एक साल से वह हैरोइन का नशा कर रही थी। नशे की लत को पूरा करने के लिए उसने चार-पांच लाख रुपए फूंक डाले। रैडक्रास के नशामुक्ति केंद्र ने इस युवती को महज 9 दिनों के इलाज के बाद ही नशे से छुटकारा दिला दिया। रैडक्रास सोसाइटी के अस्पताल में आने से पहले इस युवती के मन में संशय था कि जब वह नशे के लिए छटपटाएगी तो न जाने उसके साथ क्या सलूक किया जाएगा, लेकिन युवती का कहना है कि इलाज के 9 दिनों के दौरान उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और वह अब बिलकुल ठीक है। अपने संदेश में पंजाब के युवाओं से युवती ने हाथ जोड़ कर विनती कि है कि वे नशे की गर्त से बाहर निकलने का प्रयास करें। वह कहती हैं कि नशे में बर्बादी के सिवाए कुछ भी नहीं है।

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कोरोना के कारण सरकार को मिली सफलता
कोरोना का संकट भले ही पंजाब में बरकार है लेकिन इस दौरान सूबे में नशे की चेन टूटनी शुरू हो गई है। राज्य भर में नशे से पीड़ित लोगों की सूची में इजाफा होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग में एक ही महीने में 60 हजार से ज्यादा नशे से पीड़ित मरीज पंजीकृत हुए थे, जबकि ऐसे लोगों की संख्या अब 1 लाख के करीब पहुंच गई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि राज्य में कोविड -19 के फैलाव को काबू करने के लिए लगाए गए कर्फ्यू के दौरान सराकर को नशा-पीड़ितों का इलाज करवाने के लिए चलाई गई मुहिम को बड़े स्तर पर सफलता हासिल हुई है। मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते ओट क्लिनिकों के खुलने का समय सुबह 8 बजे कर दिया गया है। 

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