Edited By Vatika,Updated: 02 Apr, 2020 10:16 AM
कोरोना वायरस की दहशत ने जहां लोगों को घरों में कैद कर दिया है। वहीं, एक पिता-पुत्र को कोरोना की दहशत ने बेघर ही कर दिया।
लुधियाना(राज): कोरोना वायरस की दहशत ने जहां लोगों को घरों में कैद कर दिया है। वहीं, एक पिता-पुत्र को कोरोना की दहशत ने बेघर ही कर दिया। यू.पी. के जौनपूर के रहने वाले बसंत कुमार ने बताया कि वह और उसके पिता राम चंद्र लुधियाना में रहते है। जबकि उनका बाकी परिवार गांव में रहता है। लॉकडाउन के कारण जिस फैक्टरी में वह काम करते थे। वह बंद हो गई, वह फैक्टरी के अंदर कमरे में ही रहते थे।
मगर फैक्टरी बंद होने के कारण उन्हे बाहर कमरा ढूंढना पड़ा। तीन दिनों पहले उन्होने चंद्र नगर में कमरा किराए पर लिया। कमरे में शिफ्ट होने के एक दिन बाद उसके पिता की पपिता खाने से तबीयत बिगड़ गई। उसके पिता को उल्टीयां होने लगी। यह देख कर मकान मालिक ने कहा कि उसके पिता को कोरोना की बिमारी हुई है। इसलिए वह कमरे में नहीं रह सकता है। मकान मालिक ने उसे कमरे से निकाल दिया।
बसंत कुमार का कहना है कि तबीयत खराब होने के कारण उसने पिता को सिविल अस्पताल भर्ती करवाया हुआ है। लेकिन, अब अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है। हालांकि, उन्होने पुलिस को बताया था, मगर फिर भी मकान मालिक ने उन्हे रखने की बजाए एडवांस लिया एक हजार रुपए किराया भी वापिस लौटा दिया है। बसंत की प्रशासन से अपील है कि उन्हे अपने गांव जाने की इज्जात दी जाए।