जिमखाना के प्रैजीडैंट, सीनियर वाइस प्रैजीडैंट तथा सैक्रेटरी को लीगल नोटिस जारी

Edited By Sunita sarangal,Updated: 27 Feb, 2020 08:29 AM

legal notice issued to gymkhana president senior vice president and secretary

सी.ए. वाई.के. सूद ने हाईकोर्ट के वकील के माध्यम से भेजा नोटिस

जालंधर(खुराना): जिमखाना क्लब ने पिछले दिनों अपने पुराने डिफाल्टर सदस्यों से बकाए वसूलने हेतु नई शुरूआत करते हुए क्लब के कई उन मैम्बरों को नोटिस भेजे थे, जिन्होंने वर्षों पहले इन मैम्बरों के मैम्बरशिप फार्म पर बतौर प्रोपोजर और सैकेंडर अपने हस्ताक्षर किए थे। 

नोटिस भेजने का क्लब का अर्थ यह था कि जहां प्रोपोजर सैकेंडर का दबाव पडऩे के बाद डिफाल्टर सदस्य अपने बकाए जमा करवा देंगे वहीं यह योजना भी बनाई गई थी कि प्रोपोजर और सैकेंडर पर दबाव बनाने के लिए डिफाल्टर सदस्य की ओर बकाया आधी-आधी राशि दोनों के खातों में डाल दी जाएगी। क्लब द्वारा इस मामले में ढेरों नोटिस जारी कर दिए गए जिनमें उच्च राजनीतिज्ञों के अलावा शहर के प्रतिष्ठित वकीलों, उच्च पुलिस अधिकारियों, आई.पी.एस., आई.ए.एस. व पी.सी.एस. स्तर के अधिकारियों के नाम शामिल थे। 

PunjabKesari, Legal notice issued to Gymkhana President, Senior Vice President and Secretary

इस सूची के अनुसार क्लब की ओर से एक नोटिस शहर के प्रतिष्ठित सी.ए. वाई.के. सूद को भी भेजा गया था। श्री सूद को भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि उन्होंने बतौर सैकेंडर धर्मेन्द्र अत्री के फार्म पर साइन किए थे इसलिए श्री अत्री की ओर बकाया 14,786 रुपए की राशि के भुगतान को सुनिश्चित किया जाए। नोटिस मिलने के बाद सी.ए. योगेन्द्र कुमार सूद निवासी अम्बिका टावर पुलिस लाइन्स रोड, जालंधर ने अपने वकील एडवोकेट रोहित सूद (जो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चंडीगढ़ के वर्तमान सैक्रेटरी भी हैं) के माध्यम से जिमखाना क्लब के प्रधान बलदेओ पुरुषार्था, सीनियर वाइस प्रैजीडैंट वरिन्द्र कुमार शर्मा तथा जिमखाना के ऑनरेरी सैक्रेटरी तरुण सिक्का को लीगल नोटिस भेजा है। 

नोटिस में लिखा गया है कि श्री वाई.के. सूद शहर के जाने-माने चार्टर्ड अकाऊंटैंट हैं और 45 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं तथा वह 1975 से जिमखाना क्लब के मैम्बर चले आ रहे हैं। वह दो टर्म जिमखाना क्लब के कोषाध्यक्ष भी रहे। उन्हें 26 दिसम्बर 2019 को श्री अत्री के मैम्बरशिप फार्म पर हस्ताक्षर करने की एवज में 14,786 रुपए की वसूली का नोटिस भेजा गया। हालांकि हस्ताक्षर करते समय ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि मैम्बर के डिफाल्टर हो जाने पर उसकी राशि सैकेंडर को जमा करवानी पड़ेगी। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यह कॉमन सैंस की बात है कि डिफाल्टर सदस्य के विरुद्ध रिकवरी प्रोसीडिंग चलाए बगैर प्रोपोजर या सैकेंडर से रिकवरी नहीं की जा सकती।

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नोटिस में यह भी कहा गया है कि लिमिटेशन प्रक्रिया के तहत रिकवरी सूट को 3 साल के बाद फाइल ही नहीं किया जा सकता। क्लब द्वारा उनके क्लाइंट को नोटिस जारी करने और उनका नाम समाचार पत्रों में छपने से यह प्रभाव गया है कि सम्भवत: उन्होंने कोई डिफाल्ट किया है, जो मानहानि के योग्य है। नोटिस में मांग की गई है कि क्लब द्वारा निकाले गए नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए और क्लाइंट (वाई.के. सूद) से 15 दिन के भीतर बिना शर्त माफी मांगी जाए। अन्यथा लीगल एक्शन शुरू कर दिया जाएगा।

कई अन्य वकीलों ने भी नोटिस भेजने की तैयारी की
जिमखाना क्लब ने डिफाल्टर सदस्यों से वसूली करने हेतु उनके फार्मों पर हस्ताक्षर करने वाले प्रोपोजर और सैकेंडर सदस्यों को जो नोटिस भेजे हैं, से शहर व क्लब का माहौल गर्माया हुआ है क्योंकि ऐसे नोटिस शहर के कई प्रतिष्ठित वकीलों को भी प्राप्त हुए हैं। कल जिमखाना क्लब को पहला लीगल नोटिस सी.ए. वाई.के. सूद की ओर से भेजा गया, जबकि कई अन्य वकीलों ने क्लब प्रबंधन को नोटिस भेजने की तैयारी कर रखी है। अब देखना है कि इस मामले में जिमखाना क्लब की मैनेजमैंट क्या स्टैंड लेती है। वैसे इन नोटिसों के विरोध में बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है और आने वाले समय में क्लब का माहौल और गर्मा सकता है। 8 मार्च को होने जा रही क्लब की वार्षिक ए.जी.एम. में भी यह मामला उठने की संभावना है।  
 

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