5.51 करोड़ से अब स्कूलों की बदलेगी तस्वीर, इन चीजों में होगा सुुधार

Edited By Tania pathak,Updated: 24 Jan, 2021 01:42 PM

with 5 51 crore now the picture of schools will change

स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए...

लुधियाना (विक्की): स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के 1343 स्कूलों को 5.51 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करते हुए इन स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस ग्रांट के तहत स्कूल में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक तकनीकी साजो सामान उपलब्ध करवाया जाएगा। 

इन स्कूलों में 680 प्राइमरी स्कूल, 216 मिडिल स्कूल, 224 हाईस्कूल और 223 सीनियर सैकेंडरी स्कूल शामिल है। प्रत्येक प्राइमरी और मिडल स्कूल को एंट्रेंस गेट की सुंदरता के लिए 15 हजार, कलर कोडिंग के लिए 25 हजार और एजुकेशनल पार्क के लिए 10 हजार रुपए की ग्रांट जारी की गई है। जबकि प्रत्येक हाई स्कूल को एंट्रेंस गेट की सुंदरता के लिए 18 हजार, कलर कोडिंग के लिए 50 हजार और एजुकेशनल पार्क के लिए 20 हजार रूपये की ग्रांट जारी की गई है। इसी तरह प्रत्येक सीनियर सैकेंडरी स्कूल को एंट्रेंस गेट की सुंदरता के लिए 18 हजार, कलर कोडिंग के लिए 75 हजार और एजुकेशनल पार्क के लिए 20 हजार रुपए की ग्रांट जारी की गई है।

बता दें कि विभाग द्वारा इस ग्रांट के लिए सबसे अधिक जिला अमृतसर के 169 स्कूलों का चुनाव किया गया है जबकि दूसरा नंबर शिक्षा मंत्री के अपने जिले संगरूर का है जहां स्कूलों की गिनती 165 है। सबसे कम गिनती जिला मानसा के स्कूलों की है जहाँ केवल 15 स्कूलों को ही इस ग्रांट का लाभ मिलेगा।

इस ग्रांट को खर्च करने के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं:

-स्कूल में काम शुरू करने से पहले जिले के संबंधित जेई से संपर्क करना होगा। यह संपर्क फोन पर भी किया जा सकता है।
- स्कूल द्वारा उक्त ग्रांट स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में प्रस्ताव पारित करते हुए सही ढंग से और वित्तीय नियमों का पालन करते हुए की खर्च की जाएगी।
- स्मार्ट स्कूल डिवैल्पमैंट फंड के स्टॉक रजिस्टर में सारे सामान के रिकॉर्ड की एंट्री करना सुनिश्चित किया जाएगा और किए गए खर्च का पूरा रिकॉर्ड मैंटेन किया जाएगा।
- स्मार्ट स्कूलों के अंतर्गत खर्च की जा रही राशि के लिए अलग तौर पर कैश बुक और वाउचर मेंटेन किए जाएंगे।
- राशि खर्च करने के उपरांत यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट, जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री शिक्षा द्वारा मुख्य कार्यालय को भेजना सुनिश्चित किया जाएगा।
- विभाग द्वारा जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी डीएसएम, एसीज और जेईज़ द्वारा स्कूलों में किए जा रहे कामों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और उसकी सप्ताहिक रिपोर्ट मुख्य कार्यालय को भेजी जाए।
- मुंसिपल कॉरपोरेशन के संबंध में लागू मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की पालना सुनिश्चित की जाएगी।
 

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