Edited By Tania pathak,Updated: 02 Aug, 2020 07:12 PM
वह बिहार के गया में ओ. टी. इंस्टैकटर बटालियन में ड्यूटी पर थे। इस ख़बर का पता लगते ही...
गढ़शंकर (अमरीक): भारतीय सेना के कारण ही देश की सरहद सुरक्षित हैं। फौजियों के चलते ही हम चैन की नींद सोते है और जब कोई जवान की मौत होती है तो इस का दुख उसके परिवार को ही नहीं बल्कि हर एक देश के नागरिक को होता जो देश को प्यार करता है।
ऐसा ही गढ़शंकर के गाँव सतनोर में से मामला सामने आया है, जहाँ से एक फ़ौजी हवलदार जवान रणजीत सिंह बिहार के गया में थे और बीते दिनों अचानक दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। वह बिहार के गया में ओ. टी. इंस्टैकटर बटालियन में ड्यूटी पर थे। इस ख़बर का पता लगते ही गाँव सतनोर में शोक की लहर फैल गई।
आज राखी से एक दिन पहले शहीद की मृतक देह जैसे ही उनके गाँव सतनोर में पहुँची तो सभी गाँव में शोक की लहर छा गई। यहाँ आर्मी के फाइव प्रशिक्षण बटालियन के उच्च आधिकारियों ने रणजीत सिंह को सरकारी सम्मानों के साथ श्रद्धांजलि दी और परिवार की तरफ से जवान को अंतिम विदाई दी गई। हवलदार रणजीत सिंह अपने पीछे अपनी माता, धर्म पत्नी मनप्रीत कौर और दो बेटियाँ को छोड़ गया है।
बेटियों को हमेशा समझते थे बेटा
पत्नी मनप्रीत कौर ने कहा कि उनकी बिहार के गया में ड्यूटी थी, जहाँ अचानक हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के साथ गहरा सदमा लगा है। उसने बताया कि वह अपनी, दोनों बेटियों को हमेशा बेटे ही समझते थे। वह कहते थे कि यह बेटियां ही मेरे बेटे हैं।