Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Nov, 2020 05:35 PM
दीवाली का त्यौहार जहां हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है, वहीं सिख धर्म में भी इस दिन को ''बंदी छोड़ दिवस'' के........
अमृतसर(सुमित): दीवाली का त्यौहार जहां हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है, वहीं सिख धर्म में भी इस दिन को 'बंदी छोड़ दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन सिखों के 6वें गुरु श्री गुरु हरगोबिंद जी ग्वालियर के किले से 52 राजाओं को मुक्त करवा कर श्री हरमंदिर साहिब आए थे। उनके स्वागत में श्री हरमंदिर साहिब में दीपमाला की गई थी। तभी से इस दिन को 'बंदी छोड़ दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन श्री हरमंदिर साहिब में दीपमाला की जाती है। आज भी हरमंदिर साहिब को सजाया गया और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुबह से ही दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने गुरु घर में माथा टेका और स्नान किया।
आज सुबह से ही श्रद्धालु श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक हो रहे हैं। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर के आस-पास दीपक जलाकर इस दिन को मनाया। रात में भी श्री हरमंदिर साहिब में दीपमाला की जाती है और आतिशबाजी कर इस दिन को मनाया जाता है।