Edited By Vatika,Updated: 31 May, 2022 09:27 AM

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को क्या सुरजीत बिंदरखिया की तरह ही अपने अंतिम समय का अंदाजा हो गया था।
जालंधर(विशेष): पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को क्या सुरजीत बिंदरखिया की तरह ही अपने अंतिम समय का अंदाजा हो गया था। यह सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि दोनों ही गायकों ने अपनी मृत्यु के कुछ दिन पहले ही गीतों के जरिए अपने अंतिम समय के संकेत दे दिए थे।
सिद्धू मूसेवाला ने 15 मई को यू-ट्यूब पर एक गीत ‘लास्ट राइड’ अपलोड किया था इसमें सिद्धू मूसेवाला कह रहे हैं कि ‘उम्र दे हिसाब नाल दूना रुतबा, अखां च अत्ताती कोई शहि बोलदी, पिछले कोई कर्मा दा धनी लगदा या मेहरबान ए ख्वाजा मीठीए, चोबर दे चिहरे ते नूर दिसदा, इहदा उठुगा जवानी च जनाजा मीठीए’ इस गीत का वीडियो भी अंतिम संस्कार के विजुअल से ही शुरू होता है। इस वीडियो में शव वाहन के दृश्य भी फिल्माए गए थे। अब यह वीडियो भी लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सिद्धू के इस गीत को महज 2 सप्ताह में ही एक करोड़ से ज्यादा व्यू मिले हैं और यह गीत काफी पॉपुलर भी रहा। इससे पहले सिद्धू मूसेवाला ने धारा 295 गीत गाया था और इत्तेफाक से इस गीत की 295 की गणना को भी उनकी मृत्यु के दिन के साथ जोड़ा गया, क्योंकि उनकी मृत्यु के दिन 29 तिथि थी और मई का 5वां महीना था। बिल्कुल इसी तरह सुरजीत बिंदरखिया ने 2003 में अपनी मृत्यु से पहले गीत गाया था ‘नी मैं तिड़के घड़े दा पानी, मैं कल तक नहीं रहना’ बिंदरखिया के इस गीत के कुछ दिन बाद ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।