Edited By VANSH Sharma,Updated: 07 Aug, 2025 08:54 PM
खेल गतिविधियों, शारीरिक व्यायाम और जिम वर्कआउट के दौरान अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या पर पंजाब सरकार ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
लुधियाना (सहगल): खेल गतिविधियों, शारीरिक व्यायाम और जिम वर्कआउट के दौरान अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या पर पंजाब सरकार ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इसी उद्देश्य से राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह आज पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में विशेष चर्चा के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिम वर्कआउट के दौरान होने वाली मौतें गहरी चिंता का विषय हैं।
इस अवसर पर उन्होंने "जिम जाने वालों और खिलाड़ियों में अचानक दिल की धड़कन रुकने की रोकथाम" शीर्षक वाले एक समागम में एक सांझी स्वास्थ्य एडवाइजरी का उद्घाटन किया। यह पहल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (गडवासू), और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डी.एम.सी.एच.) के सहयोग से चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य जिम वर्कआउट करने वालों को जागरूक, शिक्षित और सुरक्षित बनाना है।
युवाओं की सुरक्षा, सप्लीमेंट टेस्टिंग और जीवन रक्षक प्रशिक्षण पर जोर
अपने संबोधन में उन्होंने फिटनेस के प्रति जागरूक नौजवानों में बढ़ रहे स्वास्थ्य जोखिमों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कसरत या खेल के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ना केवल हादसे नहीं हैं, बल्कि अक्सर अज्ञात चिकित्सकीय स्थितियों, असंतुलित आहार विकल्पों और अनचाहे सप्लीमेंट के प्रयोग का नतीजा होता है। इसके लिए सप्लीमेंट टेस्टिंग और जीवन रक्षक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
डॉ. बलबीर सिंह ने आगे कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार और चिकित्सकीय जांच की कमी हमारी नौजवान पीढ़ी को गंभीर जोखिम में डाल रही है, भले ही वे शारीरिक रूप से स्वस्थ दिखाई देते हों।
जिम में होने वाली मौतों के मुख्य कारण क्या हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार अध्ययन में यह सामने आया है कि कई मामलों में व्यक्तियों ने तीव्र कसरत रूटीन शुरू करने से पहले कोई चिकित्सकीय फिटनेस जांच नहीं करवाई थी। अन्य जांचों से पता चला कि कई पीड़ित असुरक्षित सप्लीमेंट, एनर्जी ड्रिंक्स और प्रदर्शन बढ़ाने वाले पदार्थों का प्रयोग कर रहे थे, जिनका उनके दिल और जिगर पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा था। विशेषज्ञों ने जिम के अंदर हवा की गुणवत्ता का भी विश्लेषण किया और पाया कि खराब वेंटिलेशन और अंदरूनी वायु प्रदूषण भी अचानक स्वास्थ्य आपात स्थितियों में योगदान कर सकता है।
बिना वार्म-अप शुरू कर देते हैं कसरत
हेल्थ एडवाइजरी में यह भी बताया गया कि जिम जाने वाले और एथलीट कसरत से पहले और बाद में सही ढंग से वार्म-अप और कूल-डाउन नहीं करते। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए, केवल प्रमाणित और परीक्षण किए गए सप्लीमेंट्स का ही प्रयोग करना चाहिए और एनर्जी ड्रिंक्स या स्टेरॉइड-आधारित उत्पादों से सख्ती से बचना चाहिए। तेज नतीजों वाले सप्लीमेंट्स के बढ़ते चलन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो अक्सर बिना चिकित्सकीय सलाह के लिए लिए जाते हैं और गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदा करते हैं।
जिम ट्रेनर हों फर्स्ट एड में प्रशिक्षित
आपातकालीन प्रतिक्रिया की महत्ता को पहचानते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने जिम उपयोगकर्ताओं, ट्रेनर्स और नौजवान एथलीटों को सी.पी.आर. (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बी.एल.एस.) में प्रशिक्षण देने के लिए एक राज्यव्यापी पहल शुरू की है। इस अवसर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने कार्यक्रम के दौरान जारी किए गए पोस्टर को एक ‘स्वास्थ्य कैप्सूल’ बताया, जो काफी लाभदायक सिद्ध होगा।
गडवासू के वाइस चांसलर डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और पोषण के विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सलाह के लिए जटिल स्वास्थ्य चिंताओं पर चर्चा करने की सराहना की। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि यह एडवाइजरी राज्य भर के जिम, प्रशिक्षण केंद्रों और कॉलेजों में लागू की जाएगी और अन्य जिलों को भी इस मॉडल का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करेगी।
इस अवसर पर डायरेक्टर स्वास्थ्य डॉ. हितिंदर कौर, सिविल सर्जन डॉ. रमंदीप कौर सहित कई अन्य गणमान्य उपस्थित थे। इससे पहले, पंजाब सरकार की वित्तीय सहायता से एक नए स्थापित जिमनेज़ियम का उद्घाटन भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया गया।
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