Edited By Vatika,Updated: 11 Aug, 2025 11:05 AM

अमरीका द्वारा भारत के टैक्सटाइल उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने के निर्णय ने देश
लुधियाना (राम): अमरीका द्वारा भारत के टैक्सटाइल उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने के निर्णय ने देश और विशेष तौर पर लुधियाना के टैक्सटाइल उद्योग में भारी हलचल मचा दी है। इस फैसले का असर निर्यात पर तो पड़ेगा ही, साथ ही उद्योग के सामने नई चुनौतियां भी खड़ी होंगी। अमरीका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ ने टैक्सटाइल उद्योग के लिए गंभीर चुनौती पेश की है। हालांकि निर्यात प्रभावित होगा लेकिन कारोबारियों का मानना है कि घरेलू बाजार पर ध्यान देना और वैश्विक स्तर पर उत्पाद तथा बाजार में विविधीकरण करना जरूरी है। इसके साथ ही लागत कम करना, गुणवत्ता सुधारना और नवाचार को बढ़ावा देना इस चुनौती से उबरने का रास्ता है। टैक्सटाइल उद्योग अब आत्मनिर्भर बनने और नई ऊंचाइयों को छूने की ओर कदम बढ़ा रहा है। उद्योग जगत के दिग्गजों ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिंता जताई है, लेकिन साथ ही उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण से समाधान खोजने की बात भी कही है।
नकारात्मक प्रभाव
- निर्यात में कमी : टैरिफ बढ़ने से भारतीय टैक्सटाइल उत्पाद अंरीका में महंगे हो जाएंगे जिससे मांग में कमी आ सकती है और निर्यात प्रभावित हो सकता है।
- मूल्य वृद्धि : टैरिफ के कारण भारतीय टैक्सटाइल उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं जिससे अमरीकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता प्रभावित हो सकती है।
- उद्योग के लिए चुनौतियां : टैरिफ के फैसले से भारतीय टैक्सटाइल उद्योग को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर अगर वे अमरीकी बाजार पर निर्भर हैं।
सकारात्मक प्रभाव
- घरेलू बाजार पर ध्यान : टैरिफ के फैसले से भारतीय टैक्सटाइल उद्योग घरेलू बाजार पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है, जिससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिल सकता है।
-विविधीकरण : टैरिफ के फैसले से भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को अपने उत्पादों और बाजारों में विविधीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
निर्यात पर भारी असर होग : कमल चौहान
पी.डी.ए. के डायरैक्टर कमल चौहान ने कहा कि अमरीका के इस टैरिफ निर्णय से भारतीय टैक्सटाइल उत्पादों की कीमतें वहां के बाजार में बढ़ जाएंगी जिससे हमारी प्रतिस्पर्धा क्षमता कम होगी। अमरीका हमारे सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक है, इसलिए इसका प्रभाव गहरा होगा।
मूल्य वृद्धि से मुकाबला मुश्किल होगा : बॉबी जिंदल
पी.डी.ए. के डायरैक्टर बॉबी जिंदल ने इस फैसले को चुनौती बताया और कहा कि टैरिफ के कारण हमारे उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे अमरीकी बाजार में उनकी मांग घटेगी। यह स्थिति हमारे निर्यातकों के लिए चिंताजनक है और हमें इससे निपटने के लिए रणनीतियां बनानी होंगी।
घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करने का समय : बब्बू जिंदल
डाइंग कारोबारी बब्बू जिंदल ने कहा कि यह टैरिफ बढ़ौतरी हमें घरेलू बाजार पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है। भारत में टैक्सटाइल की मांग तेजी से बढ़ रही है और हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए।
विविधीकरण आवश्यक है: अशोक मक्कड़
डाइंग कारोबारी अशोक मक्कड़ ने सुझाव दिया कि हमें अपने उत्पादों और बाजारों में विविधता लानी होगी। केवल अमरीका पर निर्भर रहना सही नहीं होगा। हमें अन्य वैश्विक बाजारों की खोज करनी चाहिए और तकनीकी सुधारों पर काम करना चाहिए।
उत्पादन लागत कम करें और गुणवत्ता सुधारें : गुरप्रीत सिंह जी.पी.
डाइंग कारोबारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि हमें लागत कम करने और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर देना होगा ताकि हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें। यह समय मिलकर काम करने और नवाचार अपनाने का है।"
नई रणनीतियों से टिके रहना होगा : सुनील वर्मा
मैगा लाइन डाइंग के मालिक सुनील वर्मा ने कहा कि बाजार की बदलती परिस्थितियों में हमें लगातार नई रणनीतियां बनानी होंगी। तकनीकी विकास और नवाचार ही हमें इस संकट से उबारेंगे।
चुनौतियों के बीच उम्मीद : विशाल जैन
डाइंग कारोबारी विशाल जैन ने कहा कि यह फैसला निश्चित रूप से हमारे लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए। गुणवत्ता सुधार और नए बाजार तलाश हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।