घोटाला : विजीलैंस की कार्रवाई के बाद बाद जी.एस.टी.अधिकारियों में मची अफरा-तफरी, जुटे जुगाड़ लगाने में

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 07 Aug, 2022 07:42 PM

scam after the arrest of the passer

राज्य में हुए बहुचर्चित जी.एस.टी. स्कैम में दो साल के बाद पकड़े गए पासर लवली की गिरफ्तारी के बाद जी.एस.टी. विभाग के आला अधिकारियों में खौफ पैदा हो चुका है।

लुधियाना (गौतम) : राज्य में हुए बहुचर्चित जी.एस.टी. स्कैम में दो साल के बाद पकड़े गए पासर लवली की गिरफ्तारी के बाद जी.एस.टी. विभाग के आला अधिकारियों में खौफ पैदा हो चुका है। बचाव के लिए वित्त मंत्री के दरबार में पहुंचे अधिकारियों को सुनवाई न होने के कारण निराश होकर वापस लौटना पड़ा है। उन्होंने फाइनांस कमिशनर टैक्सटेशन को लैटर देकर अपना बचाव करने का प्रयास किया है। जबकि पासरों ने भी अपना रूट बदल कर काम करना शुरू कर दिया है।  

सूत्रों का कहना है कि लवली के मोबाइल विंग पटियाला, बठिंडा व लुधियाना बेल्ट के आला अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गहरे संबंध थे, जिनके लिए वह बिचौलगिरी का काम करता था। विजीलेंस की टीम ने आरोपी को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था, जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाना है। लेकिन विजीलेंस की तरफ से दोबारा खंगाली जा रही फाइलों से जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों में अफरा-तफरी मची हुई है और वह अपने बचाव के लिए भाग दौड़ में जुटे हुए है। इसी आड़ में कई ट्रांसपोर्टरों ने तो काम करना भी बंद कर दिया है और मोबाइल विंग के अधिकारियों ने भी अपनी डयूटी कम कर दी है। 

जानकारी के अनुसार जैसे ही विजीलेंस ने आरोपी को गिरफ्तार किया तो जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों ने भी बचाव के लिए भाग-दौड शुरू कर दी। जिसके चलते विभाग के 10 अधिकारी जिसमें डायरेक्टर, कमिशनर व ईटीओज भी शामिल थे, इस संबंध में फाइनेंस कमिशनर टैक्सटेशन के पास पहुंचे और उन्हें इस संबंध में ज्ञापन भी दिया। जिसमें उन्होंने विजीलेंस विभाग को प्रोसीक्यूशन की आज्ञा न देने के लिए कहा और कार्रवाई से पहले आला अधिकारियों से संपर्क करने की बात कही। 

वहीं वित्त मंत्री के दरबार में पहुंची टीम को निराश होकर वापस लौटना पड़ा क्योंकि लंबे इंतजार के बाद उन्होंने मिलने से मना कर दिया और किसी कार्यक्रम में शामिल होने का बहाना बना कर चले गए। क्योंकि वित्त मंत्री पहले ही ब्यूरों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे चुके है। इस मुलाकात को लेकर यह भी चर्चा रही कि कुछ अधिकारी विजीलेंस से बचने के लिए ही यह कदम उठा रहे है, क्योंकि पिछली बार हुइ कारवाई के दौरान डीईटीसी व डायरेक्टर लेबल के दो अधिकारी विजीलेंस से बड़ी मुश्किल से खुद को बचा सके थे।

वहीं ब्यूरों की सख्ती को देखते हुए सक्रिय हुए पासरों ने भी अपना रूट बदल लिया है, और दिल्ली जाने के लिए बाया बठिंडा काम करना शुरू कर दिया है। गौर है कि राजस्थान, गुजरात व अन्य स्थानों से सरसों का तेल, मार्बल, टाइलें, दालें व अन्य परचून भारी मात्रा में इसी रास्ते से आता है और इस पर मोटी टैक्स चोरी की जाती है। सक्रिय पासरों ने शंभू व बनूड के रास्ते काम एक दम रोक दिया और जहां तक कि स्क्रैप की गाडियां भी एस्केप रूट से मंगवानी शुरू कर दी है। 

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