Edited By swetha,Updated: 29 Sep, 2019 10:38 AM
शहीद भगत सिंह के 112वें जन्म दिवस के अवसर पर उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में आयोजित प्रदेश स्तरीय समारोह दौरान शहीद-ए-आजम को श्रद्धासुमन भेंट करने उपरान्त पंजाब के सहकारिता तथा जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाबियों की ओर से देश की...
नवांशहर(त्रिपाठी): शहीद भगत सिंह के 112वें जन्म दिवस के अवसर पर उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में आयोजित प्रदेश स्तरीय समारोह दौरान शहीद-ए-आजम को श्रद्धासुमन भेंट करने उपरान्त पंजाब के सहकारिता तथा जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाबियों की ओर से देश की स्वतंत्रता में डाले गए योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल होना अति अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर चौक का नामकरण किया जा चुका है जबकि अपने देश में शहीद-ए-आजम तथा उनके साथी राजगुरु व सुखदेव को अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर शहीद का दर्जा न मिल पाना अत्यन्त दुखद है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की आन और शान के लिए मर-मिटने वाले बागी नहीं इंकलाबी होते हैं। जब ऐसे लोग इंकलाब लाने में सफल हो गए तो उन्हें इतिहास में बागी नहीं बल्कि शहीद का दर्जा मिलना जरूरी है।
उन्होंने अंडमान निकोबार की जेल में पंजाब के शहीदों का नाम न होने पर रोष जताते हुए कहा कि उक्त जेल को काले पानी का नाम पंजाबी देश भक्तों को वहां कैद रखने पर ही दिया गया था। इस संबंधी केन्द्र सरकार को रोष पत्र भी लिखा गया है। ऐतिहासिक तथा महान शख्सियतों के दिवस को छुट्टी के तौर मनाए जाने के स्थान पर शिक्षण संस्थाओं में सैमीनार आयोजित करने चाहिएं।