खेती बिलों को लेकर पंजाबी गायक ने पंजाब सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास, सुनाई खरी-खरी

Edited By Vatika,Updated: 12 Oct, 2020 04:19 PM

punjabi singers against punjab government

किसानी संघर्ष को अलग -अलग वर्गों की तरफ से बड़ा सहयोग मिल रहा है। यहां तक कि पंजाबी गायक भी संघर्ष में बड़ा साथ दे रहे हैं।

श्री मुक्तसर साहिब: किसानी संघर्ष को अलग -अलग वर्गों की तरफ से बड़ा सहयोग मिल रहा है। यहां तक कि पंजाबी गायक भी संघर्ष में बड़ा साथ दे रहे हैं। श्री मुक्तसर साहिब में रेल ट्रैक पर चल रहे किसानों के धरने में पंजाबी लोक गायक कंवर ग्रेवाल, गुरविन्दर बराड़, हर्फ़ चीमा और समाज सेवीं लक्खा सिधाना भी पहुंचे हैं। 

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धरने को संबोधित करते पंजाबी गायकों ने कहा कि जिस तरह एकजुटता से संघर्ष चल रहा है, केंद्र सरकार को इस खेती कानूनों के मामले में झुकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के हर वर्ग को इस संघर्ष में अपना बनता योगदान डालना चाहिए। पत्रकारों के साथ बातचीत करते उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अब किसानी संघर्ष को खत्म करना चाहती है, इसी कारण कोयले, खाद और ज़रूरी वस्तुओं की रेल गाड़िंयां संबंधित बात की जा रही है। जबकि किसान स्पष्ट कर चुके है कि अगर कोई गाड़ी आती है तो वह रास्ता देंगे। कोयले की कमी के मामले में पावरकॉम और सरकार के अलग-अलग बयान है। 

अब जब संघर्ष को हर वर्ग का साथ मिलना शुरू हुआ तो ऐसी बातें लोगों में पहुंचा कर पंजाब सरकार लोगों को संघर्ष से दूर करने की चाल चल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की चर्चा शहर और गांव में फैला कर किसानी संघर्ष को फेल करने की चाल चल रही है कि यदि किसान रेल ट्रेक से ना उठे तो बिजली के कट शुरू हो जाएंगे या फिर खाद की और जरूरी वस्तुओं की बड़ी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष खेती बिलों के विरूद्ध है और यह संघर्ष जब तक किसी मुकाम पर नहीं पहुंचता, जिस तरह की भी किसान संगठन संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेंगी, पंजाबी गायक हर जगह उनका साथ देंगे।   

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