कृषि बिलों से पंजाब को हर साल 4000 करोड़ का नुक्सान होगा: मनप्रीत

Edited By Vaneet,Updated: 19 Sep, 2020 11:08 AM

punjab will lose 4000 crores every year due to agricultural bills

संविधान की राज्य के विषय सूची में दर्ज वस्तुओं पर बिल पास कर संविधान के संघीय ढांचे का उल्लंघन करने के लिए ...

चंडीगढ़/बठिंडा(रमनजीत,बलविन्द्र): संविधान की राज्य के विषय सूची में दर्ज वस्तुओं पर बिल पास कर संविधान के संघीय ढांचे का उल्लंघन करने के लिए एन.डी.ए. सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि हर साल पंजाब को 4000 करोड़ की कमी होगी। 

बठिंडा में पत्रकारों से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि एन.डी.ए. सरकार भारत के किसानों को भरोसा देने से भाग रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कृषि राज्यों की सूची का विषय है और केंद्र ने राज्य के अधिकारों पर डाका मारा है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. के मालीय घाटे के मामले में राज्यों को मुआवजा देने संबंधी संविधान में व्यवस्था होने के बावजूद एन.डी.ए. सरकार जानबूझकर संघीय ताने-बाने की अनदेखी कर रही है। केंद्र सरकार का यह कदम एम.एस.पी. और कृषि उत्पाद मंडीकरण समितियों के लिए मौत की दस्तक है।

हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा सिर्फ एक ड्रामा 
मनप्रीत ने अकाली दल की मौजूदा हालत पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘आप एक ही समय पर शिकार और शिकारियों के साथ नहीं चल सकते।’ एक तरफ अकाली प्रधानमंत्री के पैर छूते हैं जबकि दूसरी तरफ विरोध करने का दावा करते हैं। हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को ड्रामा बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में कृषि ऑर्डीनैंसों पर चर्चा के समय वह भी शामिल थीं। जब एन.डी.ए. सरकार ने कृषि आर्डीनैंस संसद में पेश करने का फैसला लिया तो एक बार फिर से कैबिनेट ने स्वीकृत किया, उस समय भी वह उपस्थित थीं।

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