Edited By Subhash Kapoor,Updated: 31 Jul, 2025 12:12 AM

स्थानीय शहर के मेन बाजार लिंक रोड पर कुछ ही दिनों में दूसरी बार आग लगने की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। कुछ दिन पहले लिंक रोड पर एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान में आग लग गई थी, जबकि अब रेडीमेड कपड़ों के एक गोदाम में आग लग गई है, जिससे दुकानदारों को...
दिड़बा मंडी (अजय): स्थानीय शहर के मेन बाजार लिंक रोड पर कुछ ही दिनों में दूसरी बार आग लगने की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। कुछ दिन पहले लिंक रोड पर एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान में आग लग गई थी, जबकि अब रेडीमेड कपड़ों के एक गोदाम में आग लग गई है, जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
आज हुई इस घटना के तुरंत बाद शहरवासियों और डेरा सिरसा प्रेमियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यदि आग बुझाने में थोड़ी भी देर हो जाती तो यह आग पास की अन्य दुकानों और रिहायशी इलाकों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी, जिससे और ज्यादा नुकसान हो सकता था। फिलहाल गोदाम में आग लगने के कारणों का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां संगरूर और सुनाम शहर से आने तक लोगों ने काफी हद तक आग को काबू कर लिया था। यह आग बांसल जनरल स्टोर के गोदाम में लगी थी।
इस संबंध में बांसल जनरल स्टोर के मालिक राधे श्याम बांसल ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी जनरल स्टोर और गारमेंट्स की दुकान लिंक रोड पर काफी पुरानी है। दुकान से कुछ दूरी पर सामने ही गली के अंदर उसका एक गोदाम है जहां गारमेंट्स का सामान रखा जाता है। आज सुबह करीब 10 बजे जब उसकी दुकान पर काम करने वाले दो युवक – योगेश कुमार और कुलदीप – गोदाम का शटर खोलने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि शटर के नीचे से धुआं निकल रहा है। जब उन्होंने गोदाम का शटर खोला तो दोनों युवक आग की लपटों की चपेट में आकर झुलस गए। उन्हें तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दी गई, और फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
दुकान मालिक ने बताया कि उनके इस गोदाम में लाखों रुपए की कीमत के रेडीमेड कपड़े रखे हुए थे, जो आग की चपेट में आकर जलकर राख हो गए। शहर के दुकानदारों ने कहा कि शहर में दुकानों में आग लगने की घटनाएं लगातार हो रही हैं और समय पर इन पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड स्टेशन की मांग लंबे समय से की जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि दिड़बा में जल्द से जल्द फायर ब्रिगेड स्टेशन की स्थापना की जाए ताकि आग लगने की घटनाओं के बाद समय पर सहायता मिल सके और नुकसान को कम किया जा सके।
