Edited By Vatika,Updated: 30 May, 2020 03:48 PM
गांव पठलावा के बलदेव सिंह की कोरोना से मौत के बाद हर तरफ़ दहशत का माहौल था। यहां तक की कोई भी व्यक्ति कोरोने से मरे अपने सगों का
बंगा (पूजा, मूंगा): गांव पठलावा के बलदेव सिंह की कोरोना से मौत के बाद हर तरफ़ दहशत का माहौल था। यहां तक की कोई भी व्यक्ति कोरोने से मरे अपने सगों का अंतिम संस्कार करने से भी गुरेज़ कर रहा था। इस बीच गांव पठलावा के 17 व्यक्तियों के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बावजूद गांव के ही नौजवान हरप्रीत सिंह ने एक अलग मिसाल कायम की। प्रशासन की तरफ से गांव को पूरी तरह सील कर दिया गया था और उस मुश्किल घड़ी में सबसे पहले सहयोग का हाथ बढ़ाने वालों में हरप्रीत सिंह शामिल था।
हरप्रीत सिंह ने बताया कि उसने इस आफ़त की घड़ी में एकनूर स्वयंसेवी संस्था और ग्राम पंचायत के साथ पूरी रणनीति बनाकर पूरे गांव में फेस मास्क और सैनेटाईज़र घर-घर जाकर मुहैया करवाए और गांव वासियों को इस महामारी के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से एक टीम बनाई गई थी जिसके मैंबर अमरप्रीत सिंह लाली, दिलावर सिंह, धरमिन्दर सिंह, जसपाल सिंह वालों, सुखविन्दर सिंह, सरवजीत सिंह थे। जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर सेवा की।
इसके अलावा हरप्रीत सिंह की तरफ से ऐलान किया गया था कि यदि उनकी कोरोना वायरस कारण पंजाब में कहीं भी किसी भी तरह की ज़रूरत हो तो वह तैयार हैं। हरप्रीत सिंह द्वारा किए इस कार्य के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनका अमृतसर साहिब में विशेष तौर पर सम्मान किया ।