Edited By swetha,Updated: 30 Mar, 2020 04:25 PM

कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लगाए गए पंजाब में लगाए गए कर्फ्यू के कारण काम धंधे बंद होने के बाद दूसरे राज्यों के लोगों के पलायन का सिलसिला रुक नहीं रहा है।
पठानकोटः कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए भारत में लॉकडाउन के बाद काम बंद होने के बाद दूसरे राज्यों के लोगों के पलायन का सिलसिला रुक नहीं रहा है। अपने राज्यों में जाने के लिए मजदूरों का पलायन जारी है,जिन्हें पठानकोट में रोका गया है।
पठानकोट के लखनपुर बार्डर जम्मू-कश्मीर से पहुंचे करीब डेढ़ हजार लोगों को लौटा दिया गया। लखनपुर बार्डर पर पहुंचे लोगों को वापस लौटा दिया गया। वापस सभी माधोपुर लौटे और यहां स्थानीय अधिकारियों ने इनके भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था की है। उधर, नंगल के पास मैहतपुर स्थित हिमाचल के प्रवेश द्वार पर करीब 150 लोग पहुंचे थे।
ये पैदल ही अपने घरों को जाना चाहते थे। डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि हिमाचल के प्रवेश द्वार मैहतपुर पहुंचे लोगों को सरकार की ओर से बनाए गए होम कवारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। 14 दिन बाद उन्हें घर भेजा जाएगा। वहीं पंजाब में कर्फ्यू के दौरान गुरदासपुर जिले के 35 बच्चे चंडीगढ़ में फंसे हुए थे। एस.एस.पी. स्वर्णदीप सिंह के निर्देश पर पुलिस इन्हें गुरदासपुर लेकर आई है। फिलहाल एहतियात के तौर पर सभी बच्चों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया है।
गुरुद्वारा श्री हजूर साहिब दर्शनों के लिए महाराष्ट्र गए पंजाब के करीब चार हजार श्रद्धालु फंस गए हैं। वापस लौटने के लिए टैक्सी और टैंपो ट्रैवलर वाले 90 हजार से लेकर सवा लाख तक किराये की मांग कर रहे हैं। ट्रक से वापस आ रहे पटियाला के गांव मरदाहेड़ी के पूर्व सरपंच महिंदर सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मदद का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल गुरुद्वारा साहिब में सभी के रहने खाने का इंतजार है।