बठिंडा में दूसरे दिन भी 100mm बारिश, 36 घंटों बाद भी नहीं हुई पानी की निकासी, कई इलाके शहर से कटे, तस्वीरें

Edited By Vaneet,Updated: 17 Jul, 2019 05:52 PM

on the second day in bathinda 100 mm rain

जिले में मंगलवार को हुई 178 एम.एम. बारिश के पानी को शहर झेल नहीं पाया था कि बुधवार को फिर से 100 एम.ए....

बठिंडा(परमिंद्र): जिले में मंगलवार को हुई 178 एम.एम. बारिश के पानी को शहर झेल नहीं पाया था कि बुधवार को फिर से 100 एम.एम. बारिश हो गई जिसने शहर को पूरी तरह बेहाल कर दिया। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी हालात काफी गंभीर बने हुए हैं। कई गांवों में बने छप्पड़ ओवरफ्लो हो गए व उनका पानी गांवों में घुस गया। अधिकांश जिले में बाढ़ जैसे हालात अब भी बने हुए हैं जबकि जिला प्रशासन व नगर निगम लोगों को किसी भी प्रकार की राहत देने में पूरी तरह नाकाम रहा है। 
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बरसाती पानी भरने के कारण कई इलाके शहर से बुरी तरह कट गए जबकि कामकाजी लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बुधवार को महानगर के ऊधम सिंह नगर में एक और मकान की छत बारिश के कारण गिर गई। बेशक इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन घर का सारा सामान क्षतिग्रस्त हो गया व एक गाय गंभीर रूप से जख्मी हो गई। अधिकांश इलाकों में 3 से 4 फुट तक पानी बुधवार को भी भरा रहा व कई इलाकों में लोग अपने घरों में ही कैद होकर रह गए। मौसम विभाग की मानें तो अगले 2-3 दिनों के दौरान दरमियानी बारिश होने के आसार हैं। बारिश को बड़ी राहत मान रहे किसान भी अब बारिश से तौबा कर गए हैं। बेशक धान उत्पादक किसानों के लिए ये बारिश फायदेमंद बताई जा रही थी लेकिन अधिक मात्रा में हुई बारिश कपास की फसल के साथ-साथ धान व सब्जियों आदि की फसलों का भी पूरा नुकसान कर सकती है। 

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पानी की निकासी न होने कारण हजारों लोग फंसे
महानगर के विभिन्न इलाकों में पहली बारिश के 36 घंटों के बाद भी हालात गंभीर बने हुए हैं व हजारों की लोग अभी भी अपने घरों में ही फंसे हुए हैं। निचले इलाकों पावर हाऊस रोड, सिरकी बाजार व नजदीकी बड़ा क्षेत्र, अमरीक सिंह रोड, वीर कालोनी, भट्टी रोड, परसराम नगर व अन्य कई इलाकों से पानी की निकासी नहीं हो सकी। महानगर का पानी बाहर ले जाने वाले स्लैज करियर के फिर से टूटने के डर से उसमें एकदम शहर का सारा पानी नहीं छोड़ा जा सकता जिस कारण लोगों को पानी की मार अभी कुछ समय और झेलनी पड़ सकती है। स्लैज कैरियर में पड़ी दरार के कारण ही नगर निगम की ओर से कल से ही पानी निकालने वाली मोटरों को नहीं चलाया गया जिस कारण हालात और गंभीर हो गए। गौरतलब है कि अपने निर्माण से लेकर अब तक स्लैज कैरियर कई बार टूट चुका है लेकिन इसके बावजूद नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। 

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अंडरब्रिजों में भरा पानी, मुख्य सडक़ों पर यातायात अवरुद्ध
महानगर की कई मुख्य सड़कों पर स्थित रेलवे अंडरब्रिजों में इतना पानी भर गया है कि उनमें से किसी भी वाहन का गुजरना नामुमकिन हो गया है। अमरपुरा स्थित अंडरब्रिज में इतना अधिक पानी भर गया था कि उसमें से निकलते वक्त एक स्कूल बस उसके अंदर पूरी तरह डूब गई। बस के चालक व सहायक ने मुश्किल से अपनी जान बचाई। बस में कोई बच्चा न होने के कारण भी एक बड़ा हादसा टल गया। उक्त बस बुधवार को पानी का स्तर कुछ कम होने पर ही दिखाई देनी शुरू हुई। यही नहीं मानसा रोड पर स्थित रेलवे अंडरब्रिज में भारी पानी भरने के कारण उक्त रास्ता पूरी तरह बंद हो गया व लोगों को नजदीकी गांवों से वैकल्पिक रास्तों से होकर आना पड़ा। कुछ वाहन चालक रेलवे लाइनों के ऊपर से भी जान जोखिम में डालकर निकलते देखे गए। पुल के नीचे से बसें आदि न निकल पाने के कारण बसों ने सवारियों को वहीं उतारना शुरू कर दिया जिस कारण लोगों को पूरा दिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 

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छत गिरने से सामान क्षतिग्रस्त, गाय जख्मी
लगातार हो रही बारिश के कारण कमजोर मकानों की छतें व दीवारें भी लगातार गिर रही हैं। गत दिन बड़ी संख्या में दीवारें व छतें गिर पड़ी थी जबकि बुधवार को भी ऊधम सिंह नगर में एक छत गिरने के कारण भारी नुकसान हो गया। ऊधम सिंह नगर निवासी बलवीर सिंह के मकान की छत अचानक बारिश के कारण गिर पड़ी। उस वक्त कमरे में कोई भी न होने के कारण जानी नुकसान से बचाव रहा। बलवीर सिंह ने बताया कि छत के नीचे खड़ी उनकी एक गाय बुरी तरह जख्मी हो गई। इसके अलावा नीचे खड़ा मोटरसाइकिल व अन्य सामान भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। 

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किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
बारिश को वरदान समझ रहे किसान भी अत्याधिक बारिश के कारण चिंताग्रस्त हो गए हैं। खेतों में पानी खड़ा होने के कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कपास के खेतों में पानी भरने के कारण फसल के खराब होने के आसार बने हुए हैं। किसानों ने बताया कि अधिक बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो गया है जिसे निकालने में भी मुश्किलें आ रही हैं। अगर फसल पानी में डूबी रही तो ये पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। किसानों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के अन्य लोग भी मुश्किलों में हैं। गांव जोधपुर रोमाणा का छप्पड़ ओवरफ्लो होने के कारण पानी गांव में घुस गया। किसानों ने ये भी बताया कि पिछले गांवों में लोग मोघे बंद कर देते हैं जिस कारण कस्सियों व रजबाहों आदि का पानी टेलों पर पहुंच जाता है। पानी अधिक होने के कारण रजबाहों के टूटने का डर बना हुआ है जिस पर भी किसानों को नजर रखनी पड़ रही है। नहरी विभाग की ओर से मोघों को खुलवाने के लिए नहरी पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 

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जे.सी.बी. लेकर लोगों की हालत जानने पहुंची संघर्ष कमेटी
लाइन पार क्षेत्र की संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष पूर्व पार्षद विजय कुमार जे.सी.बी. लेकर जलभराव वाले स्थानों पर लोगों का हालचाल जानने के लिए निकले। इस दौरान उन्होंने लोगों को कुछ जरूरत का सामान भी वितरित किया। यही नहीं उन्होंने कुछ फंसे हुए लोगों को भी निकाला। उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में फंसे हुए जानवरों को भी निकालकर सूखे स्थानों पर छोड़ा गया। इसके अलावा उन्होंने परसराम नगर व अन्य जगहों पर पानी में घिरे लोगों के पास पहुंचकर उनका हालचाल जाना तथा उन्हें जरूरत के अनुसार कुछ सामान भी उपलब्ध करवाया। 

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प्रशासनिक लापरवाही कारण हालात हुए गंभीर
महानगर में बने बाढ़ जैसे हालातों के लिए लोग जिला प्रशासन व नगर निगम को पूरी तरह जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। गौरतलब है कि बरसाती सीजन में बाढ़ जैसे हालातों के साथ निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से काफी पहले से प्लानिंग की जाती है व कई उच्च स्तरीय बैठकें करके प्रबंध किए जाते हैं। लेकिन हर बार प्रशासन हालातों को नहीं संभाल पाता जिसमें प्रशासनिक अमले की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लोग भारी मुश्किलों के साथ जूझ रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध लेने को अब भी तैयार नहीं हैं। हालांकि कुछ समाजसेवी संगठन व समाजसेवी लोग आम जनता की मदद को आगे जा रहे हैं लेकिन उक्त मदद नाकाफी साबित हो रही है। लोगों ने मांग उठाई है कि हालातों के लिए जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ भी बनती कार्रवाई की जाए। 

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मामले का राजनीतिक पहलू
बेशक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है लेकिन नगर निगम बठिंडा पर अभी भी अकाली दल का ही कब्जा है। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बेशक समय-समय पर कुछ उथल-पुथल भी देखने को मिलती रही है व कुछ पार्षद अकाली दल का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद अकाली दल का वर्सचव अभी निगम पर पूरी तरह कायम है। ऐसे में नगर निगम पर काबिज अकाली दल की खामियों को कांग्रेसी नेता हर हाल में भुनाने की फिराक में ही रहते हैं। अब भी कुछ कांगे्रसी नेता महानगर की मौजूदा स्थिति को लेकर निगम के अकाली मेयर बलवंत राय नाथ को घेरने की फिराक में हैं। एक ओर जहां मेयर बलवंत राय नाथ कांग्रेस सरकार पर जरूरी फंडस मुहैया न करवाने तथा विकास के कार्यों में अड़चने डालने के आरोप लगाते रहते हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी नेता अकसर ये कहते हैं कि नगर निगम बठिंडा पर काबिज अकाली दल की ओर से कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए ही सही समय पर सही कदम नहीं उठाए जाते। उक्त मुद्दे को लेकर दोनों पक्ष कई बार बैठकों में आमने सामने हो चुके हैं। 

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