Edited By Kalash,Updated: 22 May, 2022 10:49 AM
पंजाब के साढ़े 7 लाख सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह राहत भरा समाचार है कि शीघ्र ही मेडिकल बिलों का कार्य ऑनलाइन होने जा रहा है
जालंधर (नरेंदर मोहन): पंजाब के साढ़े 7 लाख सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह राहत भरा समाचार है कि शीघ्र ही मेडिकल बिलों का कार्य ऑनलाइन होने जा रहा है। कर्मचारियों के मेडीकल बिल अब स्वीकृति के लिए महीनों नहीं लटकेंगे। कर्मचारी अपने बिल स्वयं ही अपलोड करेंगे और तयशुदा समय में बिल पास हो जाएंगे। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी ऑनलाइन प्रणाली विकसित करवा ली है जिसे शीघ्र ही लागू किया जा रहा है।
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के उपरांत प्रशासनिक कार्यों में बदलाव लाए जा रहे हैं। अभी तक मेडीकल बिलों की स्वीकृति का झंझट कर्मचारियों और स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कुछ दिन पूर्व तक जिला स्तर पर सिविल सर्जन को 25,000 रुपए तक का मेडीकल बिल स्वीकृत करने का अधिकार था जो बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। इससे अधिक की राशि के बिल राज्य स्तर पर चंडीगढ़ में ही स्वीकृत किए जाते हैं।
केवल जिला जालंधर से प्रति माह लगभग एक किंवटल भार के बिल बोरों में भरकर चंडीगढ़ स्वीकृति के लिए भेजे जाते हैं। पंजाब के सभी जिलों में से कई किंवटलों में बिलों के बोरे स्वीकृति के लिए चंडीगढ़ आते हैं। इन बिलों को निपटाने में स्वास्थ्य विभाग के चंडीगढ़ कार्यलय में 20 लोगों का स्टॉफ विशेष रूप से इसी कार्य में लगा रहता है। फिर भी बिल स्वीकृत होने में महीनों लग जाते हैं जिससे कर्मचारी को मौके पर जो फायदा मिलना होता है, वह नहीं मिल पाता।
स्वास्थ्य डायरेक्टर डा. जी.बी. सिंह ने बताया कि तैयार किए जा रहे सिस्टम में चंडीगढ़ के पी.जी.आई. और 3 अन्य बड़े अस्पतालों के उपचार के अधिकतम रेट डाले जाएंगे ताकि बिल स्वीकृत होने में परेशानी न हो। बिलों को लेकर बीमा कंपनियों से बातचीत करने पर भी विचार किया जा रहा है।
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