Edited By Vaneet,Updated: 25 Feb, 2020 07:48 PM
गत दिवस पटियाला में एनसीसी कैडेट्स को जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग देते हुए एयरक्राफ्ट क्रैश होने से शहादत का जाम पीने...
गुरदासपुर(विनोद)- गत दिवस पटियाला में एनसीसी कैडेट्स को जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग देते हुए एयरक्राफ्ट क्रैश होने से शहादत का जाम पीने वाले वायुसेना की नंबर तीन एयर स्कवार्डन एनसीसी पटियाला यूनिट के ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह देर शाम जब गांव आलोवाल पहुंची तो माहौल गमगीन हो उठा। पिछले दो दिनों से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ था तथा किसी घर में चूल्हा नहीं जला।
हर गांव निवासी बेसब्री से अपने गांव के इस लाल का इंतजार कर रहा था। शहीद ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा की माता सरबजीत कौर जिसे बेटे की शहादत के बारे में नहीं बताया गया था तथा बेटे की पार्थिव देह गांव पहुंचने से कुछ समय पहले ही जब उसे उसकी शहादत के बारे में बताया गया तो मां एकदम पथरा गई। बेटे की तिरंगे में लिपटी हुई पार्थिव देह को वह एकटक निहार रही थी। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने उसे दिलासा देते हुए बताया कि उसका बेटा अपनी ड्यूटी निभाते हुए वतन पर कुर्बान हो चुका है। मगर फिर भी उसकी बूढ़ी व पत्थराई आंखों से आंसू नहीं निकले। ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा अपने पीछे पत्नी नवनीत कौर, बेटी कुंजदीप कौर, बेटा भवगुरनीत सिंह, भाई गुरजीत सिंह चीमा व गुरदीप सिंह चीमा छोड़ गए हैं।
परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर विक्की ने बताया कि शहीद ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा का 26 फरवरी को सुबह 11 बजे गांव आलोवाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस अवसर पर शहीद की पार्थिव देह के साथ आए उनकी यूनिट के वारंट अफसर सतवीर सिंह, जूनियर वारंट अफसर पीके सेठी, सार्जेंट गुरप्रीत सिंह, एसडीएम दिबड़ा, मनजीत सिंह, नंबरदार दिलबाग सिंह लाली चीमा, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।