Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Nov, 2022 09:57 AM
इसके अलावा एक गोरखा नौकर का भी पुलिस ने बयान लिया जिसमें उसने बताया था कि मिंटू अपने साथियों के साथ पहले भी घर आता-जाता था।
जालंधर: अतिरिक्त सैशन जज डी.पी. सिंगला की विशेष टाडा अदालत ने सर्बजीत सिंह मक्कड़ के भाई सुरेंद्र सिंह मक्कड़ पुत्र रोशन सिंह मक्कड़ निवासी गुरु तेग बहादुर नगर जालंधर की गोलियां मारकर हत्या करने के आरोप में आतंकवादी सतिंद्रजीत सिंह उर्फ मिंटू को मुजरिम करार देते हुए धारा 302 के तहत उम्रकैद व 2 लाख 10 हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर 2 वर्ष की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई। इस मामले में 22-1-1987 को स्वर्ण कौर निवासी बूटा मंडी, जो मृतक सुरेंद्र सिंह मक्कड़ की कोठी में सफाई का कार्य करती थी, के बयानों पर पुलिस डिवीजन नंबर 6 में केस दर्ज किया गया था। उसने अपने बयान में पुलिस को बताया था कि वह कोठी में काम करने के लिए लगभग सुबह 9 बजे जी.टी.बी. नगर जा रही थी कि रास्ते में ही 3-4 युवक स्कूटर पर भागते हुए देखे थे।
इसके अलावा एक गोरखा नौकर का भी पुलिस ने बयान लिया जिसमें उसने बताया था कि मिंटू अपने साथियों के साथ पहले भी घर आता-जाता था। उसने बताया था कि हरदीप सिंह उर्फ विक्की स्कूटर स्टार्ट करके कोठी के बाहर खड़ा हुआ था जबकि हरविंद्र सिंह उर्फ हरी और सतिंद्रजीत सिंह उर्फ मिंटू व पलविंद्र सिंह उर्फ काका ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए जा रहे थे, ये लोग सुरेंद्र सिंह मक्कड़ को पहले से ही जानते थे। वे कुछ दिन पहले भी मिलकर गए थे और मौके पर ही उन्हें डरा-धमका रहे थे। वे सुरेंद्र सिंह मक्कड़ से कह रहे थे कि ‘तूं पुलिस को हमारे साथियों की मुखबिरी कर पकड़वा रहा है, इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा।’ बाद में उन्हीं लोगों ने सुरेंद्र सिंह मक्कड़ पर गोलियां चलाईं जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें घायल हालत मे पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया पर हालत नाजुक होने पर उन्हें लुधियाना के सी.एम.सी. अस्पताल ले गए थे। वहां 14-2-1987 को उपचार के दौरान मक्कड़ की मौत हो गई थी।
26-2-1991 को आतंकवादी हरदीप सिंह उर्फ विक्की की पुलिस मुकाबले में मौत हो गई थी जबकि आतंकवादी पलविंद्र सिंह उर्फ काका की 20-2-1990 को फोकल प्वाइंट नहर के पास से लाश बरामद हुई थी। आतंकवादी सतिंद्रजीत सिंह उर्फ मिंटू को पहले ही पुलिस और अदालत ने भगौड़ा करार दिया था। यहां यह भी पता चला था कि मिंटू के खालिस्तान कमांडो फोर्स व बब्बर खालसा के साथ तार जुड़े हुए हैं और 2013 में 4 किलो हैरोइन के साथ बटाला की पुलिस ने उसे काबू किया था। हैरोइन वाले पैकेट पर उर्दू में 999 पाकिस्तान लिखा हुआ था। बाद में मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान वह पुन: भगौड़ा हो गया था जिसको पुलिस ने 17-1-14 को फिर गिरफ्तार किया था। उसे कल सुनवाई दौरान टाडा की अदालत ने 25,54,59 आर्म्स एक्ट व धारा 3, 4 के तहत उम्रकैद सुनाई।
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