Edited By Sunita sarangal,Updated: 31 Jan, 2020 01:27 PM
दुनिया के 21.5 प्रतिशत प्याज का उत्पादन करता है हमारा देश
लुधियाना(सलूजा): प्याज एक ऐसी फसल है जिसके बिना सब्जी का जायका अधूरा ही रहता है। इसकी मांग हमेशा ही बनी रहती है। प्याज के मंहगा होते ही रसोई का बजट डगमगाने लगता है। विश्व भर में प्याज उत्पादन की बात करे तों चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है। दुनिया में प्याज के कुल उत्पादन में 21.5 फीसदी हिस्सा भारत का है। इस समय पंजाब में 10.23 हैक्टेयर रकबे में प्याज की खेती की जा रही है। खेती विविधता के तहत किसानों की इस क्षेत्र में पहले से अधिक दिलचस्पी बढ़ने लगी है।
तैयार प्याज की संभाल व भंडारण
जब प्याज की फसल पूरी तरह तैयार हो जाए तो इसकी संभाल व भंडारण बहुत ही सचेत रहते हुए करें। भंडारण के समय कुछ दिनों के बाद रखे हुए प्याजों को हिला लें ताकि जो प्याज गली हालत में हो उसको बाहर निकाल दें। इससे प्याज का भंडार सुरक्षित व लंबे समय तक रह पाएगा। उत्पादक को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पनीरी लगाने का समय
कृषि यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक प्याज की पनीरी मध्य अक्तूबर से लेकर मध्य नवंबर तक या फिर दिसम्बर के आखिरी सप्ताह से मध्य जनवरी तक लगा दो। सेहतमंद पनीरी जिसकी हाईट 10 से 15 सैंटीमीटर हो, वह अधिक झाड़ देती है।
प्याज की प्रमुख किस्में
पीआरओ-7 झाड़ : 159 क्विंटल प्रति एकड़।
पीआरओ-6 : 160 क्विंटल प्रति एकड़।
पीडब्ल्यूओ-2: 155 क्विंटल प्रति एकड़।
पंजाब नरोआ किस्म 147 दिनों में तैयार हो जाती है। इसका प्रति एकड़ झाड़ 150 क्विंटल प्रति एकड़ निकलता है।
पीवाईओ-1 का झाड़ 164 क्विंटल प्रति एकड़ है और यह फसल 141 दिनो में तैयार होती है।
अधिक गर्मी व कड़ाकेदार ठंड घातक
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के सब्जी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक डॉ. ए.एस. ढट, मधू शर्मा और ए.एस संधू ने बताया कि प्याज की फसल के लिए न तो अधिक गर्मी व न ही कड़ाकेदार ठंडी सही है, यह दोनों ही मौसम घातक साबित होते हैं। ज्यादा गर्मी की वजह से प्याज का साइज छोटा रह जाता है। पनीरी लगाने के फौरन बाद पानी लगाएं ताकि पौधे की जड़ें जमीन को पकड़ लें। उसके बाद कुछ दिनों के अंतर से पानी लगाते रहें।