Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2025 09:05 AM

रजिस्ट्रेशन से जुड़ी व्यवस्था में शामिल सभी तकनीकी व फील्ड स्टाफ को एक मंच पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जालंधर: पंजाब सरकार ने राज्य में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल, भ्रष्टाचार मुक्त और डिजिटल बनाने की दिशा में घोषणा की है जिसके तहत अब राज्य में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियों का काम जल्द ही सुविधा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा। इसी क्रम में पंजाब सरकार द्वारा 24 मई को चंडीगढ़ के एम.जी.एस.आई.पी.ए. ऑडिटोरियम में एक ट्रेनिंग सैशन आयोजित किया जा रहा है। इस ट्रेनिंग सेशन में पंजाब सरकार के ‘प्रोजैक्ट ईज़ी रजिस्ट्रेशन’ के तहत तकनीकी और प्रक्रियात्मक जानकारी दी जाएगी ताकि नई व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, इस ट्रेनिंग सेशन में राज्य के सभी जिलों से पीसीएस रैंक के एक-एक नोडल अधिकारी, प्रत्येक जिले के डिस्ट्रिक्टसिस्टम मैनेजर, सभी तहसीलों और सब-तहसीलों के असिस्टैंट सिस्टम मैनेजर और साथ ही हरेक तहसील से 3-4 चयनित अर्जीनवीस हिस्सा लेंगे। यह पहली बार होगा जब रजिस्ट्रेशन से जुड़ी व्यवस्था में शामिल सभी तकनीकी व फील्ड स्टाफ को एक मंच पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सुविधा केंद्रों से होगी शुरुआत, सरकारी सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव
इस प्रणाली को लागू करने के लिए पंजाब सरकार ने सुविधा केंद्रों को आधार बनाया है। पहले जहां रजिस्ट्रेशन का काम सीधे तहसील कार्यालयों में होता था, वहीं अब यह काम फुली डिजिटलाइज्ड तरीके से सुविधा केंद्रों के माध्यम से होगा। इसका एक और उद्देश्य यह भी है कि नागरिकों को एक ही जगह पर कई सरकारी सेवाएं मिलें, ताकि उन्हें अलग-अलग दफ्तरों में भटकना न पड़े। इससे न केवल आम जनता का समय बचेगा बल्कि सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही में भी बढ़ोतरी होगी।
तहसीलों में भ्रष्टाचार पर रोकना ही मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रदेश भर में 273 तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों के तबादले कर दिए गए थे। इस कार्यवाही ने स्पष्ट संकेत दिया कि राज्य सरकार व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए पूरी तरह गंभीर है। तबादलों के बाद प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का काम कानूनगो को सौंपा गया, लेकिन अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए नायब तहसीलदारों को यह जिम्मेदारी दी गई है और आगामी दिनों में यह जिम्मेदारी पूरी तरह सुविधा केंद्रों को हस्तांतरित की जा रही है।