हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला: व्यक्ति बिना तलाक कर सकता है दूसरी शादी पर महिला नहीं

Edited By Sunita sarangal,Updated: 09 Feb, 2021 10:10 AM

high court love marriage case

प्रेमी जोड़े ने विवाह के बाद हाईकोर्ट से सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल की थी। उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि....

चंडीगढ़(हांडा): मुस्लिम पुरुष पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर सकता है, लेकिन महिला को यह अधिकार नहीं है। मुस्लिम महिला को दूसरी शादी करनी है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ या मुस्लिम विवाह अधिनियम 1939 के तहत पहले तलाक देना होगा। यह फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े की प्रोटैक्शन याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस अलका सरीन की कोर्ट ने सुनाया है। हरियाणा के मेवात (नूंह) जिले से संबंधित एक मुस्लिम प्रेमी जोड़े ने विवाह के बाद हाईकोर्ट से सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल की थी। उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि दोनों पहले ही विवाहित हैं। मुस्लिम महिला का आरोप था कि उसकी शादी इच्छा के खिलाफ की गई थी, इसलिए अब वह अपने प्रेमी से शादी कर रह रही है।

हाईकोर्ट को बताया गया कि दोनों के पारिवारिक सदस्य शादी के खिलाफ हैं और जान से मारने व संपत्ति से बेदखल करने की धमकी दे रहे हैं। वकील ने बताया कि प्रेमी जोड़ा मुस्लिम है और मुस्लिम धर्म के अनुसार एक से ज्यादा विवाह की छूट है। इस पर बैंच ने सवाल उठाते हुए कहा कि शादी गैर कानूनी है, क्योंकि मुस्लिम व्यक्ति पत्नी को तलाक दिए बिना एक से अधिक बार शादी कर सकता है, लेकिन अगर महिला को दूसरी शादी करनी है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ या मुस्लिम विवाह अधिनियम 1939 के तहत पहले तलाक लेना अनिवार्य है।

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