आयुष्मान भारत स्कीम का उलझा मामला, High Court ने दिए ये आदेश

Edited By Urmila,Updated: 29 Sep, 2024 10:28 AM

high court gave these orders on the ayushman bharat scheme

पंजाब में आयुष्मान भारत योजना के शुरू होने के अभी असर दिखाई नहीं दे रहे क्योंकि लंबित बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप अब राज्य सरकार पर आने लगा है।

लुधियाना (सहगल): पंजाब में आयुष्मान भारत योजना के शुरू होने के अभी असर दिखाई नहीं दे रहे क्योंकि लंबित बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप अब राज्य सरकार पर आने लगा है जिससे प्राइवेट अस्पताल प्रबंधक पहले से ज्यादा रोष में दिखाई दे रहे हैं अदालत में उक्त मामले में सुनवाई के दौरान राज्य के निजी अस्पतालों के लंबित बकाये का भुगतान न किए जाने से  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव कुमार राहुल, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्रीमती बबीता, डायरेक्टर दीपक तथा स्टेट हेल्थ एजेंसी की डिप्टी डायरेक्टर शरणजीत कौर सहित चार शीर्ष अधिकारियों के वेतन अटैच का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा योजना के लिए निर्धारित अपने हिस्से के दुरुपयोग का आरोप लगाए जाने के बाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने सरकार द्वारा 30 दिसंबर 2021 से लेकर 29 अप्रैल 2024 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों को बिलों के भुगतान का ब्योरा मांगा है इसके अलावा इस अवधि के दौरान विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार द्वारा किए गए खर्चों जिसमें मुफ्त बिजली वितरण आटा दाल स्कीम मंत्रियों विधायकों तथा क्लास वन अफसर के घरों का रिनोवेशन का खर्चा मंत्री एवं विधायकों तथा क्लास वन अफसर के लिए नए वाहनों की खरीद का वहां के मेक सहित विवरण तथा सभी प्रकार के विज्ञापनों का खर्च यह जानकारी राज्य सरकार को शपथ पत्र पर देनी होगी अदालत का कहना है कि यह जानकारी यह जानकारी इसलिए मांगी गई है ताकि यह देखा जा सके कि केंद्र द्वारा आए फंड्स अथवा ग्रांट्स का खर्च उसी उद्देश्य को लेकर किया गया है जिसके लिए फंड्स अथवा ग्रांट  केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई।

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर विकास छाबड़ा महासचिव डॉक्टर दिव्यांशु गुप्ता तथा संगठन के वित्त सचिव डॉ रविंद्र सिंह बल ने बताया कि न्यायालय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पंजाब और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो 2022 से लंबित है, जिसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों के बकाया दावों को जारी करने की मांग की गई है उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 60% राशि केंद्र द्वारा और 40% राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। 

उक्त मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि दिसंबर 2022 तक 500 करोड़ रुपये की देनदारी स्वीकार की गई है, जिसे राज्य द्वारा अभी जारी किया जाना है और केवल 26 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। दूसरी ओर केंद्र ने अदालत को बताया था कि 2023-24 तक उसका हिस्सा 355.48 करोड़ रुपये होगा, जिसे केंद्र ने राज्य सरकार को जारी कर दिया है। राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने अतिरिक्त 40% हिस्से के साथ इसे आगे वितरित करे परंतु ऐसा नहीं हुआ डॉ. विकास छाबड़ा तथा डॉक्टर दिव्यांशु गुप्ता ने कहा कि गत दिवस इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के शिष्टमंडल के साथ मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि उन्होंने केंद्र सरकार से अपने हिस्से का 225 करोड़ रूपया लेना है जो उन्हें नहीं मिला जबकि अदालत में सही तस्वीर सामने आ रही है कि सरकार ने उनके पैसों का जानबूझकर भुगतान नहीं किया इसलिए जब तक राज्य सरकार द्वारा उनके पेंडिंग बिलों का भुगतान नहीं किया जाता आयुष्मान भारत योजना के तहत वह किसी मरीज का उपचार नहीं करेंगे।

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