Edited By Kalash,Updated: 27 Apr, 2022 09:40 AM
12 अक्तूबर, 2015 को घटे बेअदबी कांड का इंसाफ मांग रही शांतिमय धरने पर बैठी संगत पर किए गए पुलिस अत्याचार दौरान बहबल कलां गोलीकांड में मुजरिम के तौर पर नामजद किए
फरीदकोट (जगदीश): 12 अक्तूबर, 2015 को घटे बेअदबी कांड का इंसाफ मांग रही शांतिमय धरने पर बैठी संगत पर किए गए पुलिस अत्याचार दौरान बहबल कलां गोलीकांड में मुजरिम के तौर पर नामजद किए गए पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी, निलंबित आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल, सुहेल सिंह बराड़ अदालत में पेश नहीं हुए।
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इनको एक दिन के लिए हाजिरी से छूट दी गई जबकि थाना बाजाखाना के पूर्व एस.एच.ओ. अमरजीत सिंह कुलार, पंकज बांसल, मोगा के पूर्व एस.एस.पी. चरणजीत शर्मा, एस.पी. बिक्रमजीत सिंह अदालत में उपस्थित थे। अदालत ने सुनवाई के बाद इसकी अगली सुनवाई 9 मई तक मुल्तवी कर दी।
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यहां के एडीशनल सेशन जज हरबंस सिंह लेखी की अदालत में बहबल गोलीकांड में आज चार्जशीट पर बहस होनी थी परंतु पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी, निलंबन अधीन चल रहे आई.जी. उमरानंगल, सुहेल सिंह बराड़ आज निजी तौर पर अदालत में पेश नहीं हुए और वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले की सुनवाई मुल्तवी की जाए क्योंकि हाईकोर्ट में बहबल कलां गोलीकांड में मुजरिमों के खिलाफ जो सिट की तरफ से चालान पेश किया गया है, उसे रद्द कराने के लिए पुलिस अधिकारियों ने हाईकोर्ट में पटीशन दायर की हुई है।
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इस केस में पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी, आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल, मोगा के पूर्व एस.एस.पी. चरणजीत शर्मा, एस.पी. बिक्रमजीत सिंह और थाना बाजाखाना के पूर्व एस.एच.ओ. अमरजीत सिंह कुलार जो मुजरिम के तौर पर नामजद हैं, ने अपनी पटीशन में कहा कि जांच टीम ने हमलावरों पर कार्रवाई करने की जगह पुलिस अधिकारियों को ही दोषी के तौर पर नामजद कर दिया है।
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