Edited By Kamini,Updated: 11 Jun, 2024 06:22 PM
आज दिवंगत पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला का जन्मदिन है। अगर सिद्धू मूसेवाला जिंदा होते तो अपना 32वां जन्मदिन मना रहे होते। अपने गानों से युवाओं के दिल पर राज कारने वाले सिद्धू मूसेवाला को 29 मई 2022 को ताबड़तोड़ फायरिंग करके...
पंजाब डेस्क : आज दिवंगत पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला का जन्मदिन है। अगर सिद्धू मूसेवाला जिंदा होते तो अपना 32वां जन्मदिन मना रहे होते। अपने गानों से युवाओं के दिल पर राज कारने वाले सिद्धू मूसेवाला को 29 मई 2022 को ताबड़तोड़ फायरिंग करके हत्या कर दी गई थी। जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गोल्डी बराड़ ने ली। हत्या का मास्टरमाइंट जेल में बंद गैंगस्टर लारैंस बिश्नोई है। लॉरेंस-गोल्डी समेत 30 से ज्यादा गैंगस्टरों को नामजद कर चालान पेश कर चुकी है।
सिद्धू को पहले ही पता था होगा कुछ गलत :
सिद्धू ने 3 दिसंबर 2021 में कांग्रेस पार्टी से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था उसने कहा था कि सिस्टम को बदलने के लिए सिस्टम का हिस्सा बनना पड़ता है। सिद्धू मूसेवाला के पिता ने हाल ही में राहुल गांधी के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सिद्धू मुझसे हमेशा कहा करता था कि अभी आपको बहुत कुछ देखना है। वो जानता था कि कुछ लोग है जो उसे नहीं छोड़ेंगे। सिद्धू से पहले भी उनका परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा था। पिता बलकौर सिंह ने बताया कि सिद्धू जानता था कि वो लोग उसे नहीं छोड़ेंगे। बलकौर सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान बताया कि सिद्धू को पहले से कहीं न कहीं इस बात का अंदाजा था कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है। बलकौर सिंह ने कहा कि सिद्धू के जाने के बाद मुझे ये बात समझ में आ रही है कि वो बार-बार कहता था कि ‘पापा आपको अभी बहुत कुछ देखना है।’ वो जानता था कि वो लोग उसे नहीं छोड़ेंगे। मौत का फरमान पहले ही जारी हो चुका था। सिद्धू राजनीति में इसलिए शामिल हुआ किया क्योंकि उसे थोड़ी पावर चाहिए थी। उसका सोचना था कि थोड़ी पावर मिलेगी तो ये लोग मेरा पीछा छोड़ देंगे। क्योंकि वह लोग चाहते थे कि काम करना है तो नीचे रहकर करे, लेकिन सिद्धू झुकना नहीं जानता था।
पिता के सामने गाने से डरता था सिद्धू :
पिता बलकौर सिंह ने बताया कि जब वो स्कूल में था तभी से गाने गाया करता था। लेकिन वह मेरे सामने कभी नहीं गाता था बल्कि बाथरूम और कमरे गाता था। जब मैं और मेरा भाई उससे गाने के लिए कहते थे तो वह मना कर देता था। पिता बलकौर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे सिद्धू का पहली बार गाना तब सुना जब वो कॉलेज में परफॉर्म कर रहा था। यही नहीं इस दौरान वह अपना चेहरा कवर करके उसका गाना सुनने गया था। इस दौरान सिद्धू ने पहले तो नहीं पहचाना लेकिन कुछ समय बाद उसने अपने पिता को देख लिया था। एक पिता ने पहली बार देखा कि उस बेटे ने पूरी स्टेज पर घूम-घूमकर गाना गा रहा था। उसके प्रोफेसर्स ने कहा था इसे रोकना मत, ये बहुत आगे जाएगा। तभी से उसे गाने से नहीं रोका और आज उसका दुनिया में नाम है। कॉलेज के बाद कनाडा भेज दिया गया। जब वो वहां से लौटा तो कुछ बनकर लौटा। सिद्धू ने गाने में जिसका नाम भी लिया, उन सबकी किस्मत बन गई। पिता ने कहा कि जब आपके सामने आपके बच्चे की मौत हो जाती है, तो आपका कमाया हुआ पैसा भी आपकी मौत बन जाता है। उसके जाने के बाद मैं टूट गया था, लेकिन हार न मानी। पिता ने कहा कि जब तक जिंदा हूं अपने फर्ज निभाता रहूंगा। वाहेगुरु ने अब मुझे एक दूसरा सिद्धू दिया है, जो हूबहू बड़े बेटे सिद्धू की तरह है।
गन कल्चर को किया प्रमोट :
सिद्धू मूसेवाला हमेशा कहता था कि गन कल्चर को प्रमोट करने में कोई खराबी नहीं है। हमें इनका नुकसान और फायदा पता होना चाहिए। इसका उपयोग किस तरह से करना सही है। अगर गन इतनी ही बुरी है तो सरकार लाइसेंस क्यों देती है। हमारे धर्म में इसे हमारे शरीर का हिस्सा माना जाता है। आर्मी को हथियार दिए गए हैं, अगर वो हथियार वो आम लोगों पर इस्तेमाल करे, तो वो गलत है, क्योंकि उन्हें हथियार हमारी सेफ्टी के लिए दी गई है।
आपको बता दें सिद्धू मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था। उसका जन्म 11 जून 1993 को पंजाब के मानसा जिले के मूसा गांव में हुआ। उनके पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर है। सिद्धू ने 2016 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की। दिवंगत सिद्धू ने अपने छोटे से करियर में ऐसे हिट गाने दिए, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। सिद्धू के गाने हमेशा ही युवाओं के दिलों पर राज करते रहे हैं। उनके गाने के बोल हमेशा सिस्टम बदलने की बात करते हैं। सिद्धू की अंतिम अरदास में उनके पिता ने खुलासा किया था कि सिद्धू घर से मां से टीका लगवाए बिना नहीं निकलते था, लेकिन मौत वाले दिन उनकी मां किसी रिश्तेदार के घर गई थीं, जिस कारण वह बिना टीका लगवाए घर से निकला था।
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