Edited By Vaneet,Updated: 15 Sep, 2020 09:56 PM
केंद्र सरकार की तरफ से तीन खेती आर्डीनैंसों को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद मंगलवार को इसके विरोध में किसानों ने ...
समराला(संजय गर्ग)- केंद्र सरकार की तरफ से तीन खेती आर्डीनैंसों को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद मंगलवार को इसके विरोध में किसानों ने पंजाब और हरियाणा में आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए पंजाबभर के सभी 22 जिलों के अंदर राष्ट्रीय और राज मार्ग रोकते हुए केंद्र सरकार विरुद्ध जोरदार रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसानों के प्रचंड हुए इस आंदोलन में 11 किसान जत्थेबंदियों के इलावा मजदूर और आढ़ती जत्थेबंदियों ने भी शामिल होते हुए राज्यभर में करीब 100 से भी अधिक स्थानों पर यातायात रोकते हुए रैलियां शुरू कर दी हैं। एेलान के मुताबिक 12 बजे से भी पहले शुरू हुआ यह किसान आंदोलन बाद दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा और इस दौरान सिर्फ एमरजैंसी सेवाओं के इलावा बाकी का सारा ट्रैफि़क किसानों की तरफ से ठप्प कर दिया गया है।
उधर, अलग-अलग स्थानों पर इस किसान आंदोलनों का नेतृत्व करते हुए भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के राष्ट्रीय प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के पंजाब प्रधान हरिन्दर सिंह लक्खोवाल, सूबा जनरल सचिव परमिन्दर सिंह पालमाजरा, भारतीय किसान यूनियन (सिद्धुपूर) एकता के जि़ला प्रधान बलबीर सिंह खीरनियां समेत अलग-अलग किसान और मजदूर जत्थेबंदियों के नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि लोकसभा में इन खेती अॉडीनैंसों को सरकार पास करती है तो पूरे देश में किसानों का यह आंदोलन सख़्त रूप इख्तियार कर जाएगा, जिसको संभालना सरकार के बस से बाहर होगा।
लुधियाना जिले के किसानों की तरफ से समराला नज़दीक नीलों पुल पर लगाए गए धरने को संबोधन करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, बलबीर सिंह खीरनियां और परमिन्दर सिंह पालमाजरा आदि ने कहा कि खेती बिल के पास होने के बाद किसान अपने ही खेत में मजदूर सबकर रह जाएगा और बड़े कॉर्पोरेट घराने अपने फायदे के लिए किसान को कंगाल कर देंगे। इन किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार मंडीकरन व्यवस्था को ख़त्म करके कोरपोरेट घरानों को प्राईवेट मंडियां स्थापित करके किसानों की लूट करने की खुल देने जा रही है, जिसको किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।