Edited By Tania pathak,Updated: 04 Dec, 2020 04:46 PM

उन्होंने किसानों को साफ तौर पर कह दिया है कि अब आप डटकर लड़ाई लड़ो आपको पीछे अपने घर या फसल की फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं।
भवानीगढ़ (विकास, संजीव): कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली धरने पर डटे हुए हैं। गांव में किसान-मज़दूरों के परिवारों के लगभग सभी सदस्य दिल्ली गए हैं और उनके पीछे घरों में बाकि सदस्य जो मजबूरी में दिल्ली नहीं जा सकीं घर के साथ-साथ खेतों को संभाल कर किसानी संघर्ष में अपना योगदान दे रही है। अब किसानों के परिवारों की महिला ब्रिगेड चौकीदारी के लिए भी आगे आ गई है।
ऐसा ही नजारा सब-डिविजन भवानीगढ़ के गांव बालद कलां में देखने को मिला, जहां महिला ब्रिगेड रात को हाथों में लाठियां पकड़ कर गांव के गली-मुहल्लों में पहरेदारी करती हैं। इस मौके महिला ने बताया कि पहरे पर डटा जत्था गांव में घर-घर जाता है और उनके दरवाज़े खटका कर पूछता है कि किसी को कोई तकलीफ तो नहीं या किसी वस्तु की जरूरत है तो बताओ।
इसके अलावा महिला ने बताया कि वह दिन में खेतों की चौकीदारी और फ़सल की देखभाल भी करती हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने किसानों को साफ तौर पर कह दिया है कि अब आप डटकर लड़ाई लड़ो आपको पीछे अपने घर या फसल की फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं। अब आप दिल्ली से खेती कानूनों को रद्द करवा कर ही घर लौटना। महिला का कहना है कि जितना समय किसान दिल्ली में डटे रहेंगे वह भी गांव में सर्दी-गर्मी की परवाह किए बिना एक 'ब्रिगेड' के रूप में काम करती रहेंगी। उनके हौसले बुलंद हैं और वह अब पीछे मुड़ कर देखने वाले नहीं है।