पंजाब में ई.डी का सर्च अभियान खत्म, करोड़ों रुपए की नकदी , दस्तावेज, गोल्ड व अन्य सामान जब्त

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 19 Jan, 2022 11:19 PM

ed s search operation over in punjab

डायरैक्टोरेट ऑफ़ एनफोर्समैंट  (ई.डी) ने अवैध  " सैंड माइनिंग " मामले में, जारी सर्च अभियान में सैंड माइनिंग सम्बंधित दस्तावेजों,  प्रॉपर्टी दस्तावेजों, लगभग 10.50 करोड़ की नकदी , 21 लाख रुपए से अधिक का गोल्ड, 12 लाख रुपए की रोलेक्स वॉच के साथ-साथ कई...

लुधियाना (सेठी) : डायरैक्टोरेट ऑफ़ एनफोर्समैंट  (ई.डी) ने अवैध  " सैंड माइनिंग " मामले में, जारी सर्च अभियान में सैंड माइनिंग सम्बंधित दस्तावेजों,  प्रॉपर्टी दस्तावेजों, लगभग 10.50 करोड़ की नकदी , 21 लाख रुपए से अधिक का गोल्ड, 12 लाख रुपए की रोलेक्स वॉच के साथ-साथ कई मोबाइल फोन बरामद कर जब्त किए हैं। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपित व्यक्तियों के कार्यालय के साथ-साथ निवास स्थानों पर भी सर्च अभियान किया गया, जिसमें मैसर्स पिंजौर रॉयल्टी कंपनी के क़ुदरतदीप सिंह और उसके पार्टनर्स /शेयरहोल्डर्स मैसर्स प्रोवाइडर्स ओवरसीज कंसल्टेंट्स प्रा.लि. के रणदीप सिंह ,जगवीरइंद्र सिंह , सुनील कुमार जोशी, कंवरमहिप सिंह व मनप्रीत सिंह, इसके अलावा अन्य डायरैक्टर व शेयर होल्डर्स जिनमें भूपिंदर सिंह और संदीप कुमार लुधियाना से व मोहाली, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, एवं पठानकोट के कई आरोपी शामिल हैं। ई.डी ने 30 नवंबर 2021 को मनी लांड्रिंग के तहत एफ.आई.आर. नंबर 0026 के आधार पर कार्रवाई शुरू की थी।  

मिली जानकारी के अनुसार उक्त एफ.आई.आर. में बताया गया है कि माइनिंग विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की टीमों ने 7 मार्च 2018 को अवैध माइनिंग के संबंध में प्राप्त एक शिकायत के आधार पर औचक निरीक्षण किया था। नतीजतन, यह पाया गया कि विभिन्न मशीनों द्वारा कई खदानों की माइनिंग की जा रही थी और माइनिंग निर्धारित क्षेत्र से बाहर की जा रही थी। तदनुसार, जांच दल द्वारा कई टिपर व ट्रक, पोर्सिलेन मशीन, जे.सी.बी मशीन आदि को पकड़ कर जब्त किया गया। जब्त किए गए टिपर व ट्रकों में रेत तय लोड (ओवरलोडिड) से अधिक भरी हुई पाई गई। कार्यालय की मोहर वाली जब्त तौल पर्ची वास्तव में संबंधित कार्यालय द्वारा जारी नहीं की गई थी और जाली थी। इसके बाद मलिकपुर माइनिंग स्थल पर माइनिंग का कार्य रोक दिया गया और टीम द्वारा तोल पर्ची की स्वीकृति भी रोक दी गई। एफ.आई.आर. के अनुसार मलिकपुर के अलावा बुर्जतहल दास, बरसल, लालेवाल, मंडला और खोसा में भी अवैध माइनिंग की गतिविधियां की गई थी। उपलब्ध सूचना के आधार पर, उक्त माइंस के मालिकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ उनके अन्य व्यवसायों और उनकी संपत्तियों का विवरण एकत्र करने के लिए जांच शुरू की गई, ताकि उनके द्वारा अपराध की आय को वैध बनाने के लिए की गई मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का पता लगाया जा सके। अधिकारियों ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि ज़ब्त दस्तावेजों को अच्छे से खंगाला जाएगा और आगे कार्रवाई को अंजाम दिया जाए। 

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