Edited By Tania pathak,Updated: 28 Jun, 2020 10:42 AM
न किसी अधिकारी और न ही किसी कर्मचारी का ध्यान इस उल्टे लहरा रहे राष्ट्रीय झंडे की तरफ गया...
फिरोजपुर (मल्होत्रा): ज़मीन के फर्जी एक्वायर के मामले को लेकर चर्चा में आए कमिशनर दफ़्तर का एक ओर कारनामा सामने आया है। डिविज़न के तीन जिलों के लोगों को इंसाफ दिलाने की ज़िम्मेदारी निभाने वाले कमिशनर दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी राष्ट्रीय झंडे के प्रति इंसाफ करना भूल गए और शनिवार पूरा दिन कमिशनर दफ़्तर कंपलैक्स में राष्ट्रीय झंडा उल्टा लहराता रहा। इंडियन फ्लैग कोड के नियमों अनुसार राष्ट्रीय झंडो का अपमान करने वालों को तीन साल तक की सज़ा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
गलती सुधारने की नहीं की कोशिश
कमिशनर दफ़्तर में काफ़ी संख्या में स्टाफ सदस्यों के अलावा तीन जिलों के लोगों का आना -जाना लगा रहता है। कमिशनर की कोर्ट में लोग अपने जिलों के साथ संबंधी मामलों के लिए इंसाफ लेने आते हैं। न किसी अधिकारी और न ही किसी कर्मचारी का ध्यान इस उल्टे लहरा रहे राष्ट्रीय झंडे की तरफ गया। यह भी हो सकता है कि आधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से इस गलती को जान-बूझ कर यह सोच कर नज़र -अंदाज़ किया किया गया हो कि झंडे को सीधा करन की ज़िम्मेदारी उसी की है, जिस ने इसको लहराया है।
दफ़्तर सुप्रिडेंट ने नहीं उठाया फोन
इस संबंधी जब कमिशनर दफ़्तर सुपरीडैंट के साथ अनेक बार फ़ोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया।