Edited By Tania pathak,Updated: 19 Apr, 2021 12:07 PM
साइबर क्राइम का सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें शातिर साइबर अपराधियों ने...
लुधियाना: साइबर क्राइम का सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें शातिर साइबर अपराधियों ने महानगर के मैडीकल कारोबारी की फर्म के बैंक खाते से 15 लाख रुपए उड़ा लिए। यह राशि आई.सी.आई.सी.आई. व पंजाब नैशनल बैंक के विभिन्न खातों में ट्रांसफर हुई, वह भी बिना वन टाइम पासवर्ड (ओ.टी.पी.) के। फिलहाल हैबोवाल पुलिस ने इस संबंध में 3 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-66 सी व 66 डी के अधीन केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि जोशी नगर निवासी 74 वर्षीय वरिंद्र सूद का मैडीकल का कारोबार है। उसके बेटे भी फर्म का काम देखते हैं। फर्म का करंट अकाऊंट पंजाब नैशनल बैंक की हैबोवाल शाखा में है। 14 अप्रैल की सुबह मोबाइल पर आए टैक्स्ट मैसेज के माध्यम से सूद को पता चला कि फर्म के खाते से 15 लाख रुपए की ट्रांजैक्शन हुई है।
उसके खाते से 3 बार 2-2 लाख, 2 बार 4-4 लाख व आखिर में 1 लाख रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर हुए हैं जिसके बाद उसने कस्टमर केयर पर सम्पर्क करके नैट बैंकिंग बंद करवाई। शिकायत मिलने पर जांच की तो पता चला कि 2 लाख रुपए की रकम आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के खाते में ट्रांसफर हुई है जो (बिहार) के मधुबन इलाके के रहने वाले राजीव कुमार शर्मा के नाम पर है, जबकि शेष रकम पंजाब नैशनल बैंक के खातों में गई जोकि पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) के गांव लमलेहर के नील कमल व (बिहार) के रामनगर के चंद्र कुमार पासवान के हैं।
एक बार भी नहीं आया ओ.टी.पी.
सूद ने बताया कि वह पिछले लंबे समय से मैडीकल फर्म चला रहे हैं। पहले फर्म का खाता ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में था जिसका विलय पंजाब नैशनल बैंक में हो चुका है। उसने नैट बैंकिंग की सुविधा ले रखी थी। 6 बार हुई इस ट्रांजैक्शन संबंधी उसके मोबाइल पर एक बार भी ओ.टी.पी. नहीं आया। उसका आरोप है कि यह राशि उसे बिना बताए बैंक एप के माध्यम से ट्रांसफर की गई है। सूद ने आशंका जताई कि इस धोखाधड़ी में बैंक के किसी अधिकारी या कर्मचारी का हाथ हो सकता है। फिलहाल उसने खाता फ्रीज करवा दिया है और नैट बैंकिंग भी बंद करवा दी है।