कैप्टन ने SYL के मुद्दे पर हरियाणा से गुप्त समझौते को सिरे से नकारा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 05:21 PM

captain rejects secret deal from haryana on the issue of syl

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सतलुज यमुना लिंक नहर के मुददे पर हरियाणा के साथ किसी भी प्रकार का गुप्त समझौता करने की कोशिश के अकाली सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है

जालंधर  (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सतलुज यमुना लिंक नहर के मुददे पर हरियाणा के साथ किसी भी प्रकार का गुप्त समझौता करने की कोशिश के अकाली सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है तथा खट्टर सरकार के साथ इस मामले में किसी प्रकार का समझौता करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। 

 

मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल के सांसद को मनघड़ंत आरोप न लगाने बारे सलाह देते हुए कहा कि एस.वाई.एल. जैसे नाजुक मुद्दे पर अकाली सांसद को गैर जरूरी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एस.वा.ई.एल. सहित किसी भी मुद्दे पर पंजाब की शांति व स्थिरता को भंग करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। 


उन्होने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है तथा केन्द्र सरकार भी इस मुद्दे पर बातचीत के द्वारा मामले को हल करने में लगी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली भी अपने सियासी हितों को बढ़ावा देने के लिए ऐसे मामलों को उछालते रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि उनके पास इस तरह की गतिविधियों के लिए समय है और न ही उनकी गुप्त समझौते करने की आदत है। ऐसी प्रवृति को अकाली नेताओं की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अकाली दल व भाजपा गठबंधन द्वारा पिछळे 10 वर्षों में पंजाब की गई तबाही के बाद राज्य को पुन: अपने पैरों पर खड़ा करने की कोशिशों में लगी हुई है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार एस.वाईएल. का मसला शातंमय ढंग से हल करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तथा केन्द्र सरकार को एस.वाई.एल. का मसला पंजाब के हितों को ध्यान में रखते हुए हल करना चाहिए। 

 

पंजाब व पंजाबियों के हितों के विरुद्ध हरियाणा के साथ किसी समझौते पर वह हस्ताक्षर नहीं करेंगे। जो कुछ होगा, वह खुलेआम होगा। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सर्वपार्टी बैठक का अकाली सांसदों द्वारा बायकाट करने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बैठक में आना न आना संबंधित सांसदों के अधिकार क्षेत्र में आता है। संसद के शीतकालीन अधिवेशन को लेकर ऐसी बैठकें जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को पंजाब व पंजाबियों से जुड़े मसलों को केन्द्र सरकार के सामने उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने यह बैठक बुलाकर बढिय़ा मिसाल कायम की है। 

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