Edited By Mohit,Updated: 21 Sep, 2020 09:25 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र की तरफ से गेहूं औैर पांच अन्य रबी फसलों के..............
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र की तरफ से गेहूं औैर पांच अन्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई वृद्धि को मामूली और भद्दा मजाक करार देते हुए कहा कि संसद में कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद किसानों की यह आशंकाएं बनी हुई हैं कि एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी भी या नहीं।
मुख्यमंत्री ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘कृषि विधेयकों पर किसानों के विरोध प्रदर्शनों का मजाक बनाया गया है क्योंकि यह विधेयक ही एमएसपी प्रणाली के अंत और भारतीय खाद्य निगम को भंग करने का रास्ता साफ करने वाले हैं। कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि यदि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार को लगता है कि इससे विरोध कर रहे किसान संतुष्ट हो जाएंगे तो इसका मतलब है कि उन्होंने हालात को सही तरीके से समझा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आपके शर्मनाक कृत्यों की वजह से जिसे अपनी आजीविका खोने का खतरा हो, उसके सामने आप इस तरह कुछ टुकड़े फेंक कर उसे बहला नहीं सकते।‘‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान लिखित गारंटी चाहते हैं कि एमएसपी के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसान स्पष्ट आश्वासन चाहते हैं कि उनकी फसल कृषि उत्पन्न बाजार समिति बाजारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकेगी। वह अपनी पिछले छह साल से गिरती आय, अपनी आजीविका और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कैप्टन अमरेन्द्र ने अफसोस जताया कि एक बार फिर केंद्र पराली जलाने से किसानों को हतोत्साहित करने के लिए धान फूस प्रबंधन के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा करने में विफल रहा।