नगर निगम के ठेकेदारों की दादागिरी होगी खत्म, पहली बार कमिश्नर करने जा रहे बड़ी कार्रवाई

Edited By Urmila,Updated: 22 Jun, 2024 11:40 AM

bullying of municipal corporation contractors will end

नगर निगम जालंधर में पिछले लंबे समय से ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच एक नैक्सस सा बना हुआ है जिसका खमियाजा पूरा शहर भुगत रहा है।

जालंधर : नगर निगम जालंधर में पिछले लंबे समय से ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच एक नैक्सस सा बना हुआ है जिसका खमियाजा पूरा शहर भुगत रहा है। दरअसल यह नैक्सस उस समय शुरू हुआ था जब पंजाब और जालंधर निगम पर अकाली भाजपा का राज था। उसके बाद जब कांग्रेस सरकार आई, तब भी अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को पूरी तरह संरक्षण प्रदान किया गया परंतु हैरानीजनक बात यह रही कि कांग्रेस सरकार के समय अधिकारियों और ठेकेदारों के नेक्सस के बीच राजनीतिक लोगों की भी एंट्री हो गई।

ऐसी स्थिति में नगर निगम के ठेकेदार दादागिरी पर उतर आए क्योंकि न तो उन्हें राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों का कोई डर था और नगर निगम के अधिकारी भी उनके वश में थे। ऐसे में उन्होंने नगर निगम में टेंडरों के साथ मनमानी करनी शुरू कर दी। पिछले समय दौरान ठेकेदारों ने पूल करके टैंडर भरे और टैंडर में दिए जाते डिस्काऊंट में भी अपनी मनमर्जी चलाई। ज्यादातर मामलों में ठेकेदारों ने आपस में ही टैंडर बांट लिए और मनमर्जी के काम किए।

ऐसी स्थिति में नगर निगम के ज्यादातर ठेकेदार बेकाबू से हो गए और उन्होंने विकास के काम शुरू करने और उन्हें खत्म करने में भी मनमर्जी करनी शुरू कर दी। आज भी नगर निगम में ऐसे दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ो काम होंगे जिन्हें ठेकेदारों ने दो-दो तीन-तीन साल पहले ले रखा है परंतु उन कामों को शुरू ही नहीं किया जा रहा। आज भी दर्जनों काम लटके हुए हैं जिन्हें ठेकेदारों द्वारा पूरा ही नहीं किया जा रहा। अब नगर निगम कमिश्नर गौतम जैन ने ठेकेदारों की इस दादागिरी को खत्म करने की ओर कदम बढ़ाए हैं जिसके चलते उन्होंने 12 जून को एक बैठक करके बी. एंड आर. विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।

सालों साल से लटक रहे हैं काम, अब डैडलाइन जारी

नगर निगम कमिश्नर ने 12 जून को हुई बैठक दौरान सी.एम ग्रांट, यू.ई.आई.पी ग्रांट, पंजाब निर्माण प्रोग्राम, एन कैप फंड तथा नगर निगम के फंड से होने वाले विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान पता चला कि कई विकास कार्य वर्षों से लटक रहे हैं। ठेकेदारों ने टेंडर ले रखे हैं और उन्हें वर्क आर्डर भी अलाट हो चुके हैं परंतु ठेकेदार मनमर्जी के चलते यह काम शुरू ही नहीं कर रहे।

ऐसा ही एक काम सी.एम. ग्रांट के तहत विकासपुरी में होना था जो एक साल से शुरू ही नहीं हुआ। संबंधित ठेकेदार को पांच प्रतिशत पैनल्टी लगाई गई और 30 जून तक काम पूरा करने को कहा गया वरना बाद में 10 प्रतिशत पेनल्टी लगाई जाएगी। नार्थ क्षेत्र में दो और ऐसे काम थे जिन्हें ठेकेदारों द्वारा शुरू ही नहीं किया जा रहा था, वह काम भी जल्द शुरू करवाने के आदेश दिए गए और 30 जून तक पूरे हो चुके कामों का थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने को कहा गया।

केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र में सी.एम. ग्रांट से लाजपत नगर में फुटपाथ बनाने का काम मार्च 2023 में कोटली जट्टा सोसायटी को अलाट किया गया था परंतु यह काम पूरा नहीं हुआ। ठेकेदार को तीन प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई और 10 दिन के भीतर काम पूरा करने को कहा गया वरना सोसायटी को 7 प्रतिशत पैनल्टी लगेगी।

इसी प्रकार बाजा बाजार में भी ठेकेदार पर 5 प्रतिशत पेनल्टी ठोकी गई। बसंत हिल कॉलोनी में काम 20 जून तक, दकोहा में इंटरलॉकिंग टाइलों का काम 30 जून तक और इसलामगंज में 20 जून तक काम पूरा करने के निर्देश जारी किए गए। कृष्ण मुरारी मंदिर गोपाल नगर का काम और लोरेंगो होटल के निकट सड़क बनाने के काम लेने वाले ठेकेदार को भी पैनल्टी लगाई गई।

इसी तरह सब्जी मंडी से जेल चौक, न्यू डिफैंस कॉलोनी का काम लेने वाले ठेकेदारों को भी दो प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई और सभी कामों का थर्ड पार्टी ऑडिट 30 जून तक पूरा करने को कहा गया। कैंट विधानसभा क्षेत्र के तहत आते भगवान परशुराम मार्ग और बख्तावर सिंह मार्ग के काम लेट होने पर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई। अर्बन एस्टेट फेज वन की सड़कों का काम लेने वाले ठेकेदार पर 3 प्रतिशत पैनल्टी लगाई गई। डिफेंस कॉलोनी मेन रोड का काम लेने वाले ठेकेदार को भी पेनल्टी ठोकी गई। इसी प्रकार अर्बन एस्टेट फेज 2, मिट्ठापुर रोड को चौड़ा करने और गार्डन रैस्टोरैंट से कूल रोड के कामों पर भी पैनल्टी लगाई गई।

एक अन्य ग्रांट के तहत कामों को जब रिव्यू किया गया तो पता चला कि कुछ काम 2021 में ठेकेदार को अलाट किए गए थे परंतु दोनों ही काम पूरे नहीं हुए इसलिए ठेकेदार पर पेनल्टी लगाने के निर्देश जारी किए गए। सेंट्रल क्षेत्र के तहत आते धन्नोवाली स्टेडियम के काम ए.जी.आई. एंटरप्राइज को अलाट है परंतु उसने काम पूरा नहीं किया जिस कारण 10 प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई शुरू करने को कहा गया।

खुसरोपुर स्टेडियम का काम लेने वाले ठेकेदार पर भी दस प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई और ठेकेदार आकाश को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश जारी किए गए अगर काम 30 जून तक पूरा नहीं हुआ। इसी प्रकार विशाल गार्डन अलीपुर के काम को भी रिव्यू किया गया। कमिश्नर ने यह निर्देश भी दिए कि निगम फंड से जो काम पूरे हो चुके हैं उनका थर्ड पार्टी ऑडिट जल्द करवाया जाए और जुबली एंटरप्राइजेज को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई शुरू की जाए। इस मामले में अगली बैठक 22 जून को भी बुला ली गई है।

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