रेल हादसे के घायलों की मदद के लिए नहीं,फेसबुक या अखबारों में फोटो खिंचवाने आते हैं लोग

Edited By swetha,Updated: 27 Oct, 2018 03:38 PM

amritsar rail accident

सिविल अस्पताल में घायलों को पंजाब सरकार ने दवा और खुराक दोनों देने की हामी भरी थी, लेकिन 7 दिन के बाद ही सरकार ने घायलों का साथ छोड़ दिया है, केवल दवा मिल रही है जबकि सरकारी रोटी व अन्य खाने-पीने की चीजें बंद हो गई हैं। अब घायलों को केवल श्री...

अमृतसर(स.ह.): सिविल अस्पताल में घायलों को पंजाब सरकार ने दवा और खुराक दोनों देने की हामी भरी थी, लेकिन 7 दिन के बाद ही सरकार ने घायलों का साथ छोड़ दिया है, केवल दवा मिल रही है जबकि सरकारी रोटी व अन्य खाने-पीने की चीजें बंद हो गई हैं। अब घायलों को केवल श्री हरिमंदिर साहिब से आने वाले लंगर को छोड़ कोई पेट भरने का सहारा नहीं बचा है। जो लोग पहले आया करते थे,लेकिन अब उन्होंने ने भी धीरे-धीरे आना बंद कर दिया है। 

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‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते हुए शुक्रवार रात करीब 8 बजे रेल हादसे में घायल रमेश कुमार, शत्रुघ्न, मतिलाल, परशुराम व कृष्णा कहते हैं कि जब रेल हादसा ताजा-ताजा था तब तो हर कोई यहां आता था।  सरकार के तरफ से सुबह चाय, दोपहर को दलिया या खिचड़ी और अन्य चीजें दी जाती रही, लेकिन 7 दिनों के बाद ही स्थिति उलट हो गई है। अस्पताल में दवा तो मिल रही है लेकिन सरकार के तरफ से घायलों को कोई दाना-पानी नहीं दिया जा रहा है।

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सिविल अस्पताल में उपचाराधीन कृष्णा व परशुराम कहते हैं कि जो लोग दर्जन भर केला लेकर आते हैं वो फेसबुक पर लाइव करते हैं, फोटो अखबारों में छपवाने के लिए फल बांटते हैं और चले जाते हैं। अधिकांश लोगों का दिल से हम लोगों के प्रति संवेदना नहीं है, सब केवल खुद को चमकाने आते हैं। दर्द बांटने के नाम पर और दर्द दे जाते हैं। श्री हरिमंदिर साहिब से सुबह 5 बजे लंगर आ जाता है, ऐसे में सुबह 5 बजे आने वाला लंगर लेकर रख लेते हैं और सारा दिन या तो खाएं या फिर बाहर से मंगवा कर खाएं। ऐसे में अधिकांश घायल मजबूरी में बाहर से खाना मंगवा कर पेट भर रहे हैं। दवा भी वही मिलती है जो सरकार के पास है, दर्द की दवा और इंजैक्शन के सिवा और है क्या?  

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