Edited By Vatika,Updated: 12 Aug, 2019 12:25 PM
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने दिल्ली-लाहौर व अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा को बंद कर दिया है, हालांकि अभी तक इसका लिखित रूप से कोई आदेश नहीं आया है।
अमृतसर (नीरज): जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने दिल्ली-लाहौर व अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा को बंद कर दिया है, हालांकि अभी तक इसका लिखित रूप से कोई आदेश नहीं आया है। अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा की बात करें तो पता चलता है कि धार्मिक दृृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली अमृतसर-ननकाना साहिब बस 1 करोड़ रुपए के वार्षिक घाटे पर चल रही थी। आलम यह था कि सप्ताह में 4 दिन चलने वाली यह बस सेवा सरकार के लिए घाटे का सौदा थी। मंगलवार,बुधवार, शुक्रवार व शनिवार तक चलने वाली अमृतसर-ननकाना साहिब बस में यात्रियों की इतनी कमी थी कि यह बस हमेशा खाली ही पाकिस्तान जाती थी। यदि इसमें कभी-कभार सवारियां बैठती भी थीं तो वे भी दो-चार से ज्यादा नहीं होती थीं।
1200 रुपए में कर सकते थे लाहौर की यात्रा
अंतर्राष्ट्रीय बस स्टैंड से लाहौर तक की सैर करने के लिए यात्रियों को 1200 रुपए किराया खर्च करना पड़ता था। केन्द्र सरकार ने ननकाना साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा प्रदान की थी लेकिन इसका पूरा लाभ नहीं उठाया जा सका।
शनिवार को भी क्रॉस हुईं दोनों तरफ की बसें
पाकिस्तान की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय बस सेवा को बंद करने का ऐलान किए जाने के बाद माना जा रहा था किशनिवार को बस नहीं चलेगी लेकिन शनिवार को भी दोनों तरफ से बसें क्रॉस हुईं। अधिकारियों के अनुसार जब तक लिखित रूप से नोटीफिकेशन नहीं आ जाता तब तक बस सेवा जारी रहेगी।
अमृतसर से चलने वाली बस के लिए दिल्ली से लेना पड़ता था वीजा
अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा के असफल होने के पीछे एक सबसे बड़ा कारण यह भी था कि अमृतसर से चलने वाली इस बस के लिए यात्रियों को दिल्ली से वीजा लेना पड़ता था। पहले यात्री दिल्ली जाता और वहां से वीजा लेकर अमृतसर आता और फिर बस में सवार होकर लाहौर जाता। ऐसा संभव ही नहीं था। ज्यादातर यात्री दिल्ली से वीजा लेने के बाद दिल्ली-लाहौर बस से पाकिस्तान जाते और अमृतसर नहीं आते थे। यही कारण था कि यह बस सेवा असफल साबित रही और अमृतसर व पंजाब के यात्रियों को इसका पूरा लाभ ही नहीं मिल पाया।