Edited By Urmila,Updated: 23 Oct, 2024 05:27 PM
पराली जलाने के मामले बढ़ने से हवा प्रदूषित होने लगी है। गत दिनों में पराली जलाने के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई है। इसके साथ ही हवा में भारी तत्वों की मात्रा बढ़ने लगी है।
शेरपुर (अनीश): पराली जलाने के मामले बढ़ने से हवा प्रदूषित होने लगी है। गत दिनों में पराली जलाने के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई है। इसके साथ ही हवा में भारी तत्वों की मात्रा बढ़ने लगी है, जोकि लोगों की सेहत से हानिकारक भी साबित हो सकती है। मौजूद दिनों में पंजाब के किसी भी जिले की हवा फेफड़ों, दमा और दिल की बीमारियों वाले लोगों को सास लेने में तकलीफ देने वाली है।
प्राप्त आंकड़ों अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस बार हवा ज्यादा प्रदूषित हो रही है। एयर क्वालिटी इंडैक्स के मापदंड अनुसार 50 तक की हवा को अच्छा माना जाता है, जबकि 100 से ज्यादा अंक वाली हवा मनुष्य के लिए खतरनाक होने लगती है। पंजाब के कई जिलों में एयर क्वालिटी 150 से पार पहुंच चुकी है। एयर क्वालिटी इंडैक्स 0-50 तक के एयर क्वालिटी इंडैक्स वाली हवा को अच्छा माना जाता है, जिसका मनुष्य पर कम प्रभाव होता है।
51-100 तक ए.क्यू.आई. संतुष्टिजनक है। संवेदनशील लोगों के लिए सांस लेने में कठिनाई होती है। 101-200 तक के ए.क्यू.आई. में फेफड़ों, दमा और दिल की बीमारियों वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। 201-300 ए.क्यू.आई. मानवीय सेहत के लिए बुरा है, लंबे समय तक इस हवा के संपर्क में रहने पर ज्यादातर लोगों सांस लेने में तकलीफ होती है। 301-400 ए.क्यू.आई. वाली हवा मनुष्य के लिए बेहद बुरी है, लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस की बीमारी हो सकती है।
401-500 ए.क्यू.आई. वाली हवा सेहतमंद लोगों को प्रभावित करती है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीरता से प्रभावित करती है। वर्णनीय है कि एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई) द्वारा हवा की गुणवत्ता को रोजाना मापा जाता है, जोकि दर्शाता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और सेहत पर संभावित सेहत प्रभावों संबंधी बताता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here