Edited By Subhash Kapoor,Updated: 18 Jun, 2022 10:40 PM
वर्ष 2022-23 नई आबकारी नीति की " ई-टैंडर प्रक्रिया " में ''आप'' सरकार को मुंह की खानी पड़ी, जिसके बाद नीति में संशोधन का फैसला लेना पड़ा।
लुधियाना (सेठी) : वर्ष 2022-23 नई आबकारी नीति की " ई-टैंडर प्रक्रिया " में 'आप' सरकार को मुंह की खानी पड़ी, जिसके बाद नीति में संशोधन का फैसला लेना पड़ा। बता दिया जाए कि 16 जून तक पटियाला जोन के केवल 20 फीसदी टैंडर ही दाखिल हुए थे, जिसको देखते हुए पहले तो सरकार ने टैंडर डालने की अंतिम तिथि 16 जून को 21 जून तक किया और कई संशोधन भी किए।
विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिक्योरिटी फीस को लाइसैंस फीस में एडजस्ट करने का अहम फैसला लिया गया है। लाइसैंस फीस का भुगतान करने की तिथि भी 10 जुलाई से बढ़ाकर 30 जुलाई की गई है। शराब के ठेकेदारों की नीति को लेकर भारी नाराजगी के चलते संशोधनों की आवश्यकता पड़ी। सरकार को शराब की बिक्री के लिए पांच मुख्य राजस्व देने वाले जिलों के 30 फीसदी क्षेत्रों के लिए भी टैंडर नहीं मिल पाए।
गौरतलब है कि राज्य के छोटे शराब ठेकेदार करीब एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। उन्होंने घोषणा की थी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे ई-टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे। ठेकेदार यह भी मांग कर रहे हैं कि ग्रुप का आकार पहले की तर्ज पर किया जाए और 30-40 करोड़ रुपए से घटाकर 5-8 करोड़ रुपए किया जाए। ठेकेदारों ने सरकार से 900 करोड़ सिक्योरिटी फीस अतिरिक्त एकत्र करने पर सवाल खड़े किए गए थे, जिसमें सरकार से 900 करोड़ का ब्यौरा देने की भी मांग की गई थी जिसके तुरंत अगले ही दिन सरकार ने सिक्योरिटी फीस एडजस्ट करने का फैसला लिया।
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