Edited By Suraj Thakur,Updated: 01 Nov, 2018 04:20 PM
जौड़ा फाटक के निकट हुए रेल हादसे में अब गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे विभाग और पुलिस कमिश्नरेट आमने सामने आ गए हैं। जहां पर पुलिस कमिश्नरेट GRP को मेल करने का दावा कर रहा है, वहीं रेलवे विभाग के डीआरएम ने कहा है कि सिर्फ एक मेल करने से कुछ...
अमृतसर। जौड़ा फाटक के निकट हुए रेल हादसे में अब गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे विभाग और पुलिस कमिश्नरेट आमने सामने आ गए हैं। जहां पर पुलिस कमिश्नरेट GRP को मेल करने का दावा कर रहा है, वहीं रेलवे विभाग के डीआरएम ने कहा है कि सिर्फ एक मेल करने से कुछ नहीं होता है, सूचना किसी और तरीके से भी की जा सकती थी। जांच में पाया गया है कि 18 व 19 अक्टूबर की रात 12 बजकर 53 मिनट पर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय की सिक्योरिटी ब्रांच अमृतसर से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर GRP समेत सभी थानों को एक मेल भेजी गई थी।
बच सकती थी लोगों की जान....
इस मेल पर GRP ने यदि अमल किया होता तो लोगों को मरने से बचाया जा सकता था। बताया जा रहा है कि इस मेल में शहर के सभी दशहरा स्थलों पर सुरक्षा के लाजमी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे। जांच अधिकारी बी पुरुषार्थ को इस मामले में सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। एक तरफ उन्होंने जहां सिद्धू दंपति को पूछताछ करने के लिए समन भेजे हैं, वहीं दूसरी ओर गवर्नमेंट रेलवे पुलिस भी जांच के दायरे में आ गई है।
कैसे हुआ हादसा?
जौड़ा फाटक के निकट हुए रेल हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 70 से ज्यादा लो घायल हो गए थे। जब रेललाइन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग यह देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिल्कुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर रावण-दहन का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इन लोगों को पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का एहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी ने उन्हें लील लिया।