6 फैक्ट्रियों के पास है पटाखे बनाने का लाइसेंस, कोई नहीं कर रहा नियमों की पालना

Edited By Tania pathak,Updated: 11 Aug, 2020 01:27 PM

6 factories have license to make crackers nobody is following rules

इसलिए भविष्य में यह भी खतरे से खाली नहीं हैं। अब सवाल यह पैदा होता है कि जब बटाला और अमृतसर में स्थित फैक्ट्रियों में...

बटाला (बेरी): पिछले साल सितम्बर महीने में बटाला की गुरू रामदास कॉलोनी में स्थित एक पटाख़े की फैक्ट्री में भयानक बम धमाका हुआ था, जिसके कारण 23 लोगों ने अपनी कीमती जानें गुमा ली थीं और उसके साथ 50 के करीब लोग ज़ख्मी हुए थे। इस संबंधी जब आज गुरदासपुर में स्थित पटाखे की फैक्ट्रियां संबंधी जानकारी इकट्ठी की तो पता चला कि बटाला के आस-पास जो 6 पटाख़े की फ़ैक्टरियाँ हैं, वह सरकारी नियमों और निर्देश पूरे नहीं करती। इसलिए भविष्य में यह भी खतरे से खाली नहीं हैं। अब सवाल यह पैदा होता है कि जब बटाला और अमृतसर में स्थित फैक्ट्रियों में इतने बड़े धमाके हो चुके हैं तो क्या सरकार दूसरी पर शिकंजा कसने के लिए कदम उठा रही है? और यदि कदम उठा रही है तो क्या इनकी  रेगुलर चेकिंग करने के लिए कोई टीमों का गठन किया गया है? क्योंकि दीवाली का सीजन कुछ समय में शुरू होने वाला है।

सरकारी निर्देशों को पूरा न करने वाले सभी फैक्ट्रियों के लाइसेंस किये जाएंगे रद्द: डिप्टी कमिश्नर
इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर ने कहा कि पिछले साल बटाला में हुए धमाके से प्रशासन ने सबक लिया और इस साल बटाला के नज़दीक जो 6 पटाख़े फैक्टरीज हैं, उनकी जांच के लिए 6 सदस्यता उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन 24 जून को किया गया था, जिसके चेयरमैन, ज़िला प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन डा. सतनाम सिंह थे। जबकि इसके साथ डिप्टी डायरैक्टर इंडस्ट्री, लेबर कमिशनर बटाला पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बटाला, फायर अधिकारी गुरदासपुर, ज़िला टाऊन पलानर आदि मैंबर शामिल थे। उक्त समिति ने जो अपनी रिपोर्ट उन को भेजी है, उसके अनुसार सभी 6 फैक्ट्रियां सरकारी नियम और निर्देश पूरे नहीं करती, जिस कारण वह उनके लायसेंस रद्द कर देंगे और उक्त मालिकों को हिदायत जारी करेंगे कि जब तक वह सरकारी नियम या निर्देश पूरे नहीं करते और अपना रद्द लायसेंस बहाल नहीं करवाते, तब तक किसी भी तरह के पटाख़ो का निर्माण नहीं कर सकते। 


कैसे मिलता है एक्सप्लोसिव विभाग का लाइसेंस  
पटाख़े बनाने वाली फैक्ट्रियों को केंद्र सरकार के एक्सप्लोसिव विभाग साथ-साथ बाकी विभागों से भी कलीरैंस लेनी पड़ती है और जब तक बाकी विभाग अपनी कलीरैंस नहीं देते, तब तक डिप्टी कमिशनर इनके लाइसेंस रद्द कर सकते हैं और सेफ्टी नियम पूरे होने उपरांत लाइसेंस जारी किया जाता है।

-पटाख़े बनाने का लाइसेंस लेने के लिए कम से कम एक एकड़ ज़मीन होनी चाहिए। इस ज़मीन के आस-पास कोई रिहायश नहीं होनी चाहिए। जिस स्थान पर पटाख़ा फैक्ट्री लगानी है, उसके आगे या पीछे 100 मीटर तक कुछ नहीं होना चाहिए।
- पटाखा फैक्ट्री में काम करन वाले फ़ोरमैन के पास एक्सप्लोसिव विभाग का लाइसेंस होना चाहिए।
- जिस कमरो में पटाख़े पैक किये जाते हैं, उस कमरे से दूसरे कमरो में तीन मीटर से 9 मीटर तक ही दूरी होनी चाहिए और बिजली की तारों, गैस सिलंडर यहां तक कि मोबायल भी नहीं लेकर जा सकता।
- पटाख़े बनाने वाले कारीगरों का मेडिकल करवाना ज़रूरी है।

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