Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 Dec, 2019 10:26 AM
थाना राहों के अंतर्गत गांव शमसपुर की खड्ड से हो रही अवैध माइनिंग पर अंकुश लगाने में माइनिंग विभाग और पुलिस प्रशासन असमर्थ सिद्ध हो रहा है।
नवांशहर(त्रिपाठी): थाना राहों के अंतर्गत गांव शमसपुर की खड्ड से हो रही अवैध माइनिंग पर अंकुश लगाने में माइनिंग विभाग और पुलिस प्रशासन असमर्थ सिद्ध हो रहा है। बावजूद इसके तत्कालीन डी.जी.पी. पंजाब सुरेश अरोड़ा की ओर से दरिया सतलुज के पुल के नजदीक पड़ती जिले की अंतिम पुलिस चौकी में आपराधिक किस्म के लोगों की धरपकड़ और अवैध धंधों को रोकने के लिए न केवल 24 घंटे लगने वाले पुलिस नाके का स्वयं उद्घाटन किया था बल्कि हालातों पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे भी कार्य कर रहे हैं। शमसपुर से अवैध माइनिंग के अधिकतर वाहनों के जिस मार्ग से निकलने की संभावना रहती है, वह मार्ग इस नाके से होकर निकलता है। इसके बाद भी अवैध माइनिंग करने वालों के खिलाफ पुलिस और माइनिंग विभाग की कार्रवाई न हो पाना पुलिस और सिविल प्रशासन के लिए कई सवाल खड़े करता है।
शमसपुर खड्ड के लिए कौन-कौन से हैं वैकल्पिक मार्ग
शमसपुर खड्ड से रेत लाने के लिए कई मार्ग उपलब्ध हैं जिसमें जुलाहमाजरा वाया बहलूर कलां-राहो, उस्मानपुर-जलवाहा और माछीवाड़ा-खन्ना मार्ग। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस और जिला प्रशासन अवैध माइनिंग को रोकने के लिए पूरी तरह से गंभीर हैं तो इन मार्गों पर विशेष पुलिस नाके लगाने के साथ उच्चाधिकारी माछीवाड़ा पुल के नजदीक स्थित 24 घंटे लगने वाले नाके पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की रूटीन चैकिंग भी कर सकते हैं।
नाके पर लगे हैं सी.सी.टी.वी. कैमरे
डी.जी.जी. की ओर से 4 नवम्बर, 2017 में आरंभ किए गए माछीवाड़ा पुल के नजदीक के नाके पर 24 घंटे नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाए गए थे। जब इस पुल के अधीन पड़ती पुलिस चौकी शेखा मजारा के इंचार्ज एस.आई. बलविन्द्र सिंह से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि डी.जी.पी. पंजाब द्वारा शुरू करवाए गए 24 घंटे का नाका लगातार कार्य कर रहा है। यहां दिन-रात पुलिस कर्मचारी तैनात रहते हैं और संदिग्ध वाहनों की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि सी.सी.टी.वी. कैमरे भी वर्किंग हालत में हैं।