Edited By swetha,Updated: 23 Sep, 2019 09:10 AM
सैटलमैंट हेतु देनी होगी एप्लीकेशन
जालंधर: पावर निगम द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिए जो वन टाइम सैटलमैंट स्कीम शुरू की गई है, के प्रति उपभोक्ता जागरूक नजर नहीं आ रहे जबकि सच्चाई यह है कि इस स्कीम के जरिए बिल में लगे सरचार्ज व ब्याज की बड़ी राशि को माफ करवाया जा सकता है। यह स्कीम घरेलू, कमर्शियल, इंडस्ट्री, ट्यूबवैल कनैक्शनों सहित हर तरह के उपभोक्ता के लिए लागू है।
वन टाइम सैटलमैंट स्कीम के तहत जिन लोगों का बिल लंबे समय से पैंङ्क्षडग चल रहा है, वे लोग इस स्कीम का लाभ उठा कर मोटी राशि बचा सकते हैं। पिछले समय के दौरान देखने में आया कि कुछ उपभोक्ताओं का पिछले कई वर्षों से हजारों/लाखों रुपए का बिल बकाया है, ऐसे उपभोक्ता पुराना बिल जमा नहीं करवाते और बिल में जो नई राशि लगकर आती है, उसे जमा करवाते रहते हैं। ऐसे में उपभोक्ता को पैंडिंग राशि पर सरचार्ज/ब्याज पड़ता रहता है, जिससे प्रत्येक माह पैंङ्क्षडग राशि बढ़ती जाती है। ऐसे उपभोक्ताओं की ब्याज व सरचार्ज की मोटी रकम बच सकती है। इसके लिए उपभोक्ता को वन टाइम सैटलमैंट स्कीम अपनानी होगी।
सैटलमैंट हेतु देनी होगी एप्लीकेशन
वन टाइम सैटलमैंट स्कीम के लिए उपभोक्ता को डिवीजन स्तर पर एक एप्लीकेशन देनी होगी, जिसके जरिए वह इस स्कीम का हिस्सा बन जाएगा। घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ता को इसके लिए एप्लीकेशन के साथ 2000 रुपए जमा करवाने होंगे जबकि इंडस्ट्री को 5000 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद उक्त उपभोक्ताओं की प्रोसैसिंग शुरू हो जाएगी।
9 किस्तें करवाने का भी प्रावधान
बिल सैटल होने व सरचार्ज/ब्याज कटने के बाद जो राशि बचती है, उसकी किस्तें करवाने का भी प्रावधान है। वे एस.डी.ओ. की बात कर कुल राशि की 3 किस्तें कर सकता है जबकि एक्सीयन के पास 6 किस्तें करने की पावर होती है। सबसे अधिक पावर डिप्टी चीफ इंजीनियर/एस.ई. की होती है, वह कुल राशि की 9 किस्तें करने का अधिकार रखते हैं।
किसके पास कितनी पावर
बिल की राशि के अनुसार अधिकारियों की पावर होती है, उनकी टीम में एक अकाऊंट ऑफिसर होता है जोकि केस को डील करता है। एक्सियन 10 लाख रुपए व टीम में ए.ओ. (अकाऊंट ऑफिसर), डिप्टी चीफ इंजीनियर/एस.ई. 20 लाख रुपए तक व टीम में डिप्टी सी.ए.ओ. (डिप्टी चीफ अकाऊंट ऑफिसर), इसी तरह से चीफ इंजीनियर 50 लाख रुपए तक का केस डील कर सकता है, उनकी टीम में सी.ए.ओ. (चीफ अकाऊंट ऑफिसर) होता है, जोकि पटियाला से आता है। 50 लाख से ऊपर पटियाला में चीफ इंजीनियर कमर्शियल के पास केस जाते हैं, मौजूदा समय में प्रदीप गुप्ता इस पद पर तैनात हैं।
जिसके बिल में दिक्कत वह सम्पर्क करे : इंजी. बांसल
डिप्टी चीफ इंजीनियर/एस.ई. हरजिन्द्र सिंह बांसल का कहना है कि बहुत से ऐसे केस उनके ध्यान में आए हैं जिसमें उपभोक्ता को बिल गलत मिलने की शिकायत रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे उपभोक्ता उनके साथ संपर्क करें, बिल को ठीक करने का प्रोसैस तुरंत प्रभाव से शुरू करेंगे। यदि किसी उपभोक्ता के मीटर की चैकिंग की जरूरत लगेगी तो उसे भी तुरंत प्रभाव से एम.ई. लैब में चैकिंग के लिए भेजा जाएगा।
वहीं, जानकारी के अभाव में लोग बिजली दफ्तर नहीं आते, यदि सब-डिवीजन में किसी तरह की कोई दिक्कत पेश आए तो उपभोक्ता पावर निगम के शक्ति सदन स्थित दफ्तर में उनसे सम्पर्क करें।