सरकार शैलर मालिकों का 3600 करोड़ माफ करने की तैयारी में!

Edited By swetha,Updated: 03 Nov, 2018 12:33 PM

government is preparing to forgive 3600 crore of sheller owners

पंजाब सरकार ने चावल मिलों पर चल रही छापेमारी के दौरान ही अपने चहेते परन्तु डिफाल्टर राइस मिलों पर कृपा करने की तैयारी कर ली है। विभाग के अधिकृत सूत्रों के अनुसार डिफाल्टर राइस मिलरों को राहत देने के लिए सरकार ‘वन टाइम सैटलमैंट’ (ओ.टी.एस.) में संशोधन...

जालंधर (मोहन): पंजाब सरकार ने चावल मिलों पर चल रही छापेमारी के दौरान ही अपने चहेते परन्तु डिफाल्टर राइस मिलों पर कृपा करने की तैयारी कर ली है। विभाग के अधिकृत सूत्रों के अनुसार डिफाल्टर राइस मिलरों को राहत देने के लिए सरकार ‘वन टाइम सैटलमैंट’ (ओ.टी.एस.) में संशोधन करने जा रही है। इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पॉलिसी में संशोधन तैयार करके वित्त विभाग को भेज दिए गए हैं। शीघ्र ही इसे मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार डिफाल्टर मिलों की तरफ  सरकार की 7670 करोड़ रुपए की बकाया राशि है और मंत्रिमंडल द्वारा संशोधन के बाद मिलों को 3600 करोड़ रुपए की राशि छोड़ी जा सकती है। इनमें जिला फतेहगढ़ साहिब की एक नामी मिल भी शामिल है जिसके लिए कुछ मंत्रियों की भी सिफारिश है। 

अपनी फाकाकशी दूर करने व राज्य में बंद पड़ी और डिफाल्टर हुई राइस मिलों को चलाने के लिए पंजाब सरकार ने 7 सितम्बर 2017 को ओ.टी.एस. योजना शुरू की थी। सरकार को इस योजना से भारी उम्मीदें थीं, परन्तु सिर्फ 123 चावल मिलें ही अपनी बकाया राशि के विवाद को निपटाने के लिए सरकार की इस योजना में आई। ये वे मिलें थीं, जिनकी तरफ  थोड़ी राशि बकाया थी। सरकार ने अपनी योजना के तहत इन मिलों से 32.40 करोड़ की वसूली की परन्तु बड़ी व ज्यादा बकाया राशि वाली मिलों ने इस योजना से दूरी ही रखी।

इन डिफाल्टर मिलों में कुछ प्रभावशाली मिल मालिक भी शामिल थे जिन्होंने विधानसभा चुनावों दौरान कांग्रेस के उम्मीदवारों और पार्टी को चुनाव चंदा भी दिया था। उन मिल मालिकों ने सरकार द्वारा जारी ओ.टी.एस. योजना पर ऐतराज किया। अब इन मिलों की संख्या 1529 हो चुकी है, जिनमें कुछ नई मिलें भी शामिल हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर अन्य संशोधन किए जाएंगे। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार डिफाल्टर मिलरों की तरफ  जो 7670 करोड़ रुपए की बकाया राशि है, उसमें मूल राशि 2073 करोड़ है और शेष ब्याज व अन्य प्रकार के अर्थदंड हैं जो पिछले कुछ सालों के दौरान कभी केन्द्र तो कभी राज्य सरकार द्वारा मिल मालिकों पर लगाए गए थे। सरकार मानती है कि कम-से-कम उसे मूल राशि और इतना ही ब्याज मिल जाए, इसी बात को ध्यान में रख कर नीति में संशोधन का प्रस्ताव है जबकि सरकार अपने चहेतों पर ज्यादा ही कृपा करने के इरादे में है।

जिला फतेहगढ़ की एक मिल को तो खास फायदा देने के लिए सरकार के मंत्री सक्रिय हैं जिसकी तरफ  1400 करोड़ की राशि बकाया है जिसे 300-400 करोड़ के बीच निपटाने की तैयारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रियों की एक कमेटी का गठन भी कर लिया गया है। इसमें मंत्री तृप्तराजिन्द्र सिंह बाजवा, जल संसाधन मंत्री सुखजिन्द्र सिंह सरकारिया और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी शामिल हैं।  सूत्र बताते हैं कि विदेश से वापस लौटे मुख्यमंत्री को शीघ्र ही संशोधित पॉलिसी पेश की जाएगी और उनके अनुमोदन के बाद इसे मंत्रिमंडल की बैठक में पास करने के लिए पेश किया जाएगा।

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